श्रीकृष्ण बाणासुर युद्ध | Lord Krishna Vs Shiva Yudh

भगवान् श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र को रोकने के लिए भगवान् शिव श्रीकृष्ण बाणासुर युद्ध के बीच आना पड़ा ? द्वापरयुग में भगवान् श्रीकृष्ण ने धर्म की स्थापना हेतु बोहोत सारे युद्ध किये लेकिन क्या आप जानते हो ? धर्म स्थापना हेतु स्वयं महादेव से भी युद्ध करने की नौबत आयी थी |

जब भगवान् श्रीकृष्ण ने बाणासुर पर सुदशन चक्र चलाया था तब स्वयं महादेव शिवशंकर को सुदर्शनचक्र को रोकने के लिए बीच में आना पड़ा था

भगवान् शिव और श्रीकृष्ण का प्रलयंकारी युद्ध

द्वापरयुग में भगवान् श्रीकृष्ण ने धर्म की स्थापना हेतु बोहोत सारे युद्ध किये लेकिन क्या आप जानते हो ? धर्म स्थापना हेतु स्वयं महादेव से भी युद्ध करने की नौबत आयी थी 

दोस्तों जब भगवान् श्रीकृष्ण ने बाणासुर पर सुदशन चक्र चलाया था तब स्वयं महादेव शिवशंकर को सुदर्शनचक्र को रोकने के लिए बीच में आना पड़ा था दोस्तों इस कहानी को विस्तार से देखते हे

बाणासुर की तपस्या

बाणासुर भक्त प्रह्लाद के वंशज, महाबली बलि के ज्येष्ठ पुत्र थे बाणासुर महादेव के परम भक्त थे| बाणासुर ने भगवान् शिव की घोर तपस्या करके महाबली होने का वरदान माँगा था|

महाबलि बनाने हेतु भगवान् शिव ने बाणासुर को सहस्त्र भुजाए भी प्रदान की थी साथ ही साथ यह वरदान भी प्राप्त किया था की महादेव सदैव उनकी रक्षा करेंगे

महादेव से ये वरदान प्राप्त करने के बाद बाणासुर अजेय और अमर बन गया था

श्रीकृष्ण पौत्र अनिरुद्ध बाणासुर पुत्री उषा प्रेम

बाणासुर की पुत्री उषा श्रीकृष्ण पौत्र अनिरुद्ध से प्रेम करती थी बाणासुर की पुत्री उषा भगवान् शिव और माता पारवती की परम भक्त भी थी | बाणासुर को जब पता चला की उषा अनिरुद्ध से प्रेम करती हे तब उन्होंने अनिरुद्ध को बंदी बनाने की योजना बनाई और अनिरुद्ध से युद्ध किया|

उस युद्ध में बाणासुर ने अपनी महामायावी शक्ति का प्रयोग किया और आखिरकार अनिरुद्ध को बंदी बना ही लिया

अनिरुद्ध को बाणासुर से बचाने के लिए भगवान् श्रीकृष्ण ने भगवान् शिव से आज्ञा पाकर युद्ध के लिए पक्षीराज गरुड़ देव का आह्वान किया और बलराम के साथ बाणासुर की नगरी शोणितपुर की और प्रस्थान किया

श्रीकृष्ण बाणासुर युद्ध कैसे हुआ

शोणितपुर नगरी पोहचते ही श्रीकृष्ण और बलराम का सामना राक्षस उज्वल से होता हे उज्वल को स्वयं भगवान् शिव ने शोणितपुर की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया था |

उज्जवल श्रीकृष्ण और बलराम को नगरी में प्रवेश करने से रोक लेते हे तब भगवान् श्रीकृष्ण और राक्षस उज्जवल में युद्ध होता हे |

उस युद्ध में आखिरकार भगवान् श्रीकृष्ण सुदर्शन चक्र से उज्व्वल का वध कर देते हे और शोणितपुर नगरी में प्रवेश कर लेते हे | जहा बाणासुर उषा अनिरुद्ध और चित्रलेखा को मृत्यु दंड देने वाले थे

श्रीकृष्ण सुदर्शन चक्र चलाते हैं

भगवान् श्रीकृष्ण और बाणासुर के बीच महा भयंकर युद्ध होता हे युद्ध में अपनी सेना को परास्त होता देख बाणासुर क्रोधित होकर ब्रहसीर अस्त्र प्रकट करते हे |

कहते हे जाओ ब्रह्मसीर अस्त्र कृष्ण का वध कर दो उधर भगवान् श्रीकृष्ण सुदरशन चक्र प्रकट करते हे और ब्रह्मसीर अस्त्र को रोकने के लिए चलाते हे 

सुदर्शन चक्र ब्रह्मसीर अस्त्र का प्रभाव नष्ट कर देते हे, फिर भी बाणासुर हार नहीं मानते और डटकर युद्ध करते हे उधर भगवान् श्रीकृष्ण बाणासुर की एक एक कर 1000 भुजाइ कांत देते हे | जिन भुजाओ पर बाणासुर को घमंड था

बाणासुर का अहंकार

फिर भी भगवान् श्रीकृष्ण बानसूर से कहते हे की अभ भी समय हे | उषा और अनिरुद्ध को छोड़ दे किन्तु अहंकार में वशीभूत बाणासुर मना कर देते हे आखिरकार भगवान् श्रीकृष्ण बाणासुर की और सुदर्शन चक्र चलाते हे |

बाणासुर सुदर्शन चक्र को अपनी और आता देख भयभीत हो उठते हे और भगवान् शिव का समरण करते हुए कहते हे मेरी रक्षा करो शिव शंकर, भगवान् शिव बाणासुर की रक्षा हेतु वहां प्रकट होकर सुदर्शन चक्र को रोक लेते हे और बाणासुर की सुदर्शन चक्र से रक्षा करते हे

भगवान् श्रीकृष्ण और भगवान् शिव

भगवान् शिव भगवान श्रीकृष्ण से कहते हे अबतो बाणासुर के अहंकार का नाश हो गया हे उन्हें क्षमा कर दे भगवान् श्रीकृष्ण भगवान् शिव की बात मानकर बाणासुर को क्षमा कर देते हे

श्रीकृष्ण कहते हे की बाणासुर महा प्रतापी हे में उनका वध नहीं करना चाहता किन्तु उन्होंने भवगवान शिव की शक्ति का दुरूपयोग किया हे और समस्त संसार में आतंक मचाकर अधर्म को बढ़ावा दिया हे

भगवान श्रीकृष्ण की बात सुनकर बाणासुर को अपने अहंकार का ज्ञात हो जाता हे और भगवान् श्रीकृष्ण से क्षमा याचना करते हे भगवान् श्रीकृष्ण अपना सुदर्शन चक्र वापस लेते हे और बाणासुर को क्षमा कर देते हे

महादेव का प्रथम अवतार : वीरभद्र | Lord Shiva veerbhadhra avtar

श्रीकृष्ण भगवान् शिव लीला

श्रीकृष्ण और भगवान् शिव का कभी युद्ध नहीं हुआ और वे कभी युद्ध नहीं करते वे तो केवल अपने परम भक्तो के अहंकार को नष्ट करने के लिए लीला रचते हे क्योकि अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन हे

जब भगवान् शिव ने रोका सुदर्शन चक्र 🙏 श्रीकृष्ण बाणासुर युद्ध | Krishna banasur Yudh

Shree Krishna Banasur Yudh: YouTube Video

बाणासुर कौन था?

राजा बलि के सबसे बड़े वीर और पराक्रमी पुत्र का नाम बाणासुर था। बाणासुर एक शोणितपुर का राजा था 

क्यों श्री कृष्ण ने बाणासुर पर चलाया सुदर्शन चक्र

बाणासुर के अहंकार को नष्ट करने के लिए श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र चलाया

श्री कृष्ण पौत्र अनिरुद्ध का अपहरण किसने किया था?

श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का अपहरण बाणासुर पुत्री उषा की सखी चित्रलेखा ने किया था।

निष्कर्ष
दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि “श्रीकृष्ण बाणासुर युद्ध” का यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके |

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