श्रीकृष्ण भजन | त्रिभुवन पति की देख उदारता | Tribhuvan Pati Ki dekh Udarta

त्रिभुवन पति की देख उदारता गीत श्री कृष्ण रामानंद सागर सीरियल से लिया गया गीत हे इस गीत को रवींद्र जैन और सतीश डेहरा द्वारा प्रस्तुत किया गया हे | श्री कृष्ण सुदामा की पोटली छिन लेते हैं और उसमें से कंदमूल को खाने के लिए निकल लेते हैं और उसके बदले श्री कृष्ण सुदामा को तीनों लोक दान में दे देते हैं।

Tribhuvan Pati Ki Dekh Udarta Shree Krishna Ramanand Sagar Song Detail:

गीत / Songत्रिभुवन पति की देख उदारता (Tribhuvan Pati Ki)
निर्देशक / Directorरामानंद सागर / आनंद सागर / मोती सागर (Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar)
स्वर / Lyricsसतीश डेहरा, चंद्रानी मुखर्जी और साथी
संगीत / Musicरवींद्र जैन (Ravindra Jain)
नेटवर्क / Networkदूरदर्शन नेशनल (DD National)
शैली / Genreश्रीकृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
सहायक निर्देशक / Asst. Directorsराजेंद्र शुक्ला / श्रीधर जेट्टी / ज्योति सागर (Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar)
पटकथा और संवाद / Screenplay & Dialoguesरामानंद सागर (Ramanand Sagar)
कैमरा / Cameraअविनाश सतोसकर (Avinash Satoskar)
गीतकार / Lyricsरवींद्र जैन (Ravindra Jain)
पार्श्व गायक: (Playback Singers)सुरेश वाडकर / हेमलता / रवींद्र जैन / अरविंदर सिंह / सुशील (Suresh Wadkar / Hemlata / Ravindra Jain / Arvinder Singh / Sushil)
संपादक / Editorगिरीश दादा / मोरेश्वर / आर मिश्रा / सहदेव (Girish Daada / Moreshwar / R. Mishra / Sahdev)
निर्माता / Producersरामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर (Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar)
Cast / पात्रसर्वदमन डी. बनर्जी/ स्वप्निल जोशी / दीपक डेओलकर / संजीव शर्मा / पिंकी पारिख / रेशमा मोदी / श्वेता रस्तोगी (Sarvadaman D. Banerjee / Swapnil Joshi / Deepak Deulkar / Sanjeev Sharma / Pinky Parikh / Reshma Modi)

    त्रिभुवन पति की देख उदारता Song Lyrics in Hindi

त्रिभुवन पति की देख उदारता, तीनो भवन थर्राने लगे है
हाथ में चावल लेते ही, सब में दर भयो जात|
जाने अब किस लोक की सम्पति होये समाप्त ||
सब में दर भयो जात|

हर दाने का मोल अगर देने लगे भगवान |
रह जायेगा सृस्टि में बस एक ही धनवान ||
बस एक ही धनवान ||

प्रेम के भूंखे, प्रेम के तंदुल, प्रेम के भाव से खाने लगे है|
प्रेम के भूंखे, प्रेम के तंदुल, प्रेम के भाव से खाने लगे है|

तंदुल के दानो में, दीन का दिनया दररद्र चबाने लगे है|
तंदुल के दानो में, दीन का दिनया दररद्र चबाने लगे है|
एक एक मुठ्ठी में एक एक लोक,
एक एक मुठ्ठी में एक एक लोक, सुदामा के भाग्य में जाने लगे है||

एक एक मुठ्ठी में एक एक लोक, सुदामा के भाग्य में जाने लगे है
त्रिभुवन पति की देख उदारता, तीनो भवन थर्राने लगे है|
त्रिभुवन पति की देख उदारता, तीनो भवन थर्राने लगे है

पहली मुट्ठी देते ही प्रभु ने स्वर्ग सुदामा के नाम किया है
दूसरी मुठ्ठी में पृथ्वी लोक का वैभव विप्र को सौप दिया है||
तीसरी मुठ्ठी में देने लगे है,
तीसरी मुठ्ठी में देने लगे है जो वैकुण्ठ तो लक्ष्मी ने रोक लिया है
तीसरी मुठ्ठी में देने लगे है जो वैकुण्ठ तो लक्ष्मी ने रोक लिया है ||
अपना निवास भी दान में दे रहा है
कैसा दानी ये मेरा पिया है
अपना निवास भी दान में दे रहा है
कैसा दानी ये मेरा पिया है

श्रीकृष्ण भजन की सारी लिरिक्स आपको यहाँ मिलेगी 

    Tribhuvan Pati Ki Dekh Udarta Lyrics in English – Krishna Bhajan

tribhuvan kee drshti se, teeno bhavan teraane hai
anaaj anaaj
jaane ab kis lok ke sampaadit hoye hain ||
sab mein darabhay jaat|

har mausam ka
suraksha sansthaan mein bas ek dhanavaan ||
bas ek hee dhanavaan ||

prem ke bhoonkhe, prem ke tandul, prem ke bhaav se bharee huee hai|
prem ke bhoonkhe, prem ke tandul, prem ke bhaav se bharee huee hai|

tand ke dino mein, deen ka dinaya daradr blogar hai|
tand ke dino mein, deen ka dinaya daradr blogar hai|
ek muththee mein ek lok,
ek muththee mein ek lok, sudaama ke bhaagy mein aane hai||

ek muththee mein ek lok, sudaama ke bhaagy mein jaane
tribhuvan pati kee drshti, teeno bhavan teraanene|
tribhuvan kee drshti se, teeno bhavan teraane hai

svarg ke lie svarg hoga sudaama ke naam
prthvee muththee mein dharatee lok ka vaibhav vipr ko saup hai||
muthathee mein phiksing,
lakshmee ne rok rakha hai
lakshmee ne rok lagaaya hai ||
nivaas sthaan mein
ye mera piya hai
nivaas sthaan mein
ye mera piya hai

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श्री कृष्ण भजन | त्रिभुवन पति की देख उदारता | Tribhuvan Pati Ki Dekh Udarta

YouTube Video: Tribhuvan Pati Ki Dekh Udarta

निष्कर्ष :

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धन्यवाद!🙏 जय श्री कृष्ण 🙏

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