दोस्तों वैष्णवास्त्र किसने और क्यों चलाया था ? वैष्णवास्त्र किसका अस्त्र हे ? क्या आप वैष्ण अस्त्र के बारेमे जानना चाहते हो ? तो आप सही आर्टिकल पढ़ रहे हो । आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।
Vaishnavastra(वैष्णव अस्त्र) – Fastest Weapon Of Lord Vishnu
वैष्णवास्त्र भगवान विष्णुसे सम्बंधित एक अस्त्र था | किसी योद्धा ने अगर एकबार vaishnavastra का आवाहन कर इसका संधान कर दिया तो सिवाय भगवान विष्णु के अन्य कोई भी इसे निरस्त नहीं कर सकता था | इस अस्त्र को महाभारत में कर्ण ने चलाया था जिसे स्वयं भगवान् विष्णु के अवतार भगवान् श्रीकृष्ण ने विफल किया था
दोस्तों इस कहानी में हम आपको भगवान् विष्णु के बनाये वैष्णवास्त्र (Vaishnavastra) के बारे में बताएँगे |
वैष्णवास्त्र के सामने कोई भी प्राणी, मनुष्य एवं असुर, टिक नहीं सकता | हर चीज,जो जिन्दा हे वैष्णवास्त्र उसे मारने में सक्षम हे वैष्णव अस्त्र के निर्माता स्वयं भगवान् विष्णु हे इसी कारन इस अस्र को सिर्फ भगवान विष्णु से ही प्राप्त किया जाता हे
भगवान विष्णुसे सम्बंधित एक अस्त्र
वैष्णवास्त्र भगवान विष्णुसे सम्बंधित एक अस्त्र था वैष्णव शब्द का अर्थ होता हे विष्णु का या फिर भगवान विष्णु से सम्बंधित जैसे की वैष्णव साम्प्रदाय ये वो संप्रदाय हे जो भगवान् विष्णु को सर्वोच्च मानता हे इस अस्त्र को महाभारत युद्ध में कर्ण ने अर्जुन पर चलाया था जिसे स्वयं भगवान् विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने विफल किया था
महाभारत कर्ण अर्जुन के बीच युद्ध
महाभरत युद्ध में कर्ण और भीम के बीच हुए भीषण युद्ध में जब कर्ण ने भीम को परास्त किया तब भगवान् श्रीकृष्ण के कहने पर अर्जुन भीम की सहायता के लिए कर्ण से युद्ध करते हे कर्ण और अर्जुन के बीच भयंकर युद्ध होता उस युद्ध में कर्ण एवं अर्जुन ने अपने अपने सर्वश्रेष्ठ दिव्यास्त्र का प्रयोग किया था कभी कर्ण अर्जुन पर भारी हो रहा था तो कभी अर्जुन कर्ण पर | लेकिन जब कर्ण ने अर्जुन के सारथि भगवान् श्रीकृष्ण पर बाण चालया तब अर्जुन ने अपने सबसे श्रेष्ठ अस्त्र कर्ण पर चलाये और कर्ण को घायल कर दिया
वैष्णवास्त्र का आह्वान
जब अर्जुन कर्ण पर भारी हो रहा था तब कर्ण ने अपने सबसे घातक अस्त्र वैष्णवास्त्र का आहवान किया कर्ण के वैष्णव अस्त्र को प्रकट होते देख भगवान् श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सावधान किया था वैष्णव अस्त्र ऐसा अस्त्र हे जिसे शत्रु की दिशा में न चलाते हुए आकाश की और चलाते हे | जब वो काफी ऊंचाई पर पहोचता हे तो फिर वहा से वो दुश्मन की तरफ बड़ी ही तेजी से आगे बढ़ता हे
सभी दिव्यास्त्रों की तुलना में वैष्णवास्त्र की गति सबसे तेज हे
महाभारत युद्ध में कर्ण ने चलाया वैष्णवास्त्र
महाभारत में कर्ण ने अर्जुन पर इस अस्त्र का प्रयोग किया था | येअस्त्र भगवान् विष्णु का अस्त्र था उसे केवल भगवान् विष्णु ही रोक सकते थे इसीलिए भगवान् विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण इस अस्त्र को रोकने के लिए अर्जुन के आगे खड़े हो गए
जैसे ही कर्ण द्वारा छोड़ा वैष्णवास्त्र भगवान श्रीकृष्ण से टकराता हे यह अस्त्र फूलो की माला, वैजन्ती माला बन जाता हे | दोस्तों इसी तरह भगवान् श्रीकृष्ण ने कर्ण के सबसे घातक अस्त्र वैषणव अस्त्र को विफल किया था और अर्जुन की वैषणव अस्त्र से रक्षा की थी
कर्ण द्वारा छोड़ा हुवा अस्र
जब अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण से पूछते हे, की उन्होंने ऐसा क्यों किया ??
अर्जुन के पूछने पर भगवान् श्रीकृष्ण बताते हे की अंगराज कर्ण द्वारा छोड़ा हुवा अस्र कोई साधारण अस्र नहीं था वह अस्त्र अत्यंत विनाशकारी वैष्णवास्त्र था | श्रीकृष्ण ने आगे उन्होंने बताया ” सृष्टि का कोई भी जीवित प्राणी इस अस्त्र के प्रभाव के आगे टिक नहीं सकता यह अस्त्र उन्हें नष्ट क्र देता हे
रामायण के समय वैष्णवास्त्र भगवन श्री राम और इन्द्रजीत को पता था | महाभारत युद्ध के समय ये अस्त्र श्रीकृष्ण, परशुराम, भागदत्त श्रीकृष्ण पुत्र प्रद्युम्न और महारथी कर्ण को पता था
निष्कर्ष
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