दोस्तों क्या आप कलयुग से बचने का उपाय के बारेमे जानना चाहते हे ? तो आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।
दोस्तों इस कहानी में हम भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बताई गयी वो 4 बातें प्रस्तुत करेंगे जो कलियुग में हमारे जीवन को आसान बना सकती है
कलयुग से बचने का उपाय – कलियुग में भगवान् श्रीकृष्ण की ४ बांटे
कलयुग के इस जीवन में मनुष्य सफलता और सुख-सुविधा को पाने के लिए, जाने-अंजाने में ना जाने कितने सारे पाप कर बैठता है फिर खुद को पाप का भागीदार बना लेता है हर मनुष्य अपनी नींद चैन सब कुछ खोकर लगाकर दिन रात बस धन इकठ्ठा करने के पीछे दौड़ रहा है ताकि इन पैसों से वो अपना और अपने परिवार के लिए सुख-सुविधा के सारे अत्याधुनिक साधन जुटा सके
कलयुग में लोग केसी केसी हरकते करेंगे
कलयुग के इस दौरे में कोई भी व्यक्ति सत्य और ईमानदारी पर भरोसा नहीं करेगा। हर कोई बुरे कर्मों में लिप्त रहेगा। वासना सबसे बड़ा अधर्म बन जाएगा। व्यभिचार और भ्रष्टाचार चरम पर होगा। कोई भी महिलाओं और लड़कियों का सम्मान नहीं करेगा। कानून केवल पैसे वालों की तिजोरी में बंद रहेगा। सभी की पहली जरूरत भौतिक सुख पाना होगा और किसी को भी भक्ति में दिलचस्पी नहीं होगी। संतान अपने माता-पिता को बहिष्कार कर उन्हें अकेला छोड़ देगी। पतिपत्नी विवाह जैसे पवित्र संस्कार को भी कोई मायने नहीं रखेंगें | लोग अपने माता-पिता एवं शिक्षकों का अनादर करेंगें धर्म और कर्म में मानने वालो की शंख्या कम हो जाएगी और हर और पाप ही पाप होंगे
कलयुग में बढ़ते इस पापों के बीच भी व्यक्ति, भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बताई गई इन 4 बातों को ध्यान में रखकर अपनी जिंदगी को आसान बना सकता है तो आइये जानते हैं जिंदगी को आसान बनाने वाली भगवान् श्रीकृष्ण की वो चार बातें
पहली बात – दान
भगवान श्रीकृष्ण के कथन अनुसार जो व्यक्ति, कलयुग में दान करता है उसका जीवन आसान हो जाता है, दान करने का अर्थ है किसी जरूरतमंद को वो चीज निशुल्क उपलब्ध करवाना जिसे पाने के लिए वो सक्षम नहीं है हालांकि दान करने से पहले, या बाद में किसी को भी अपने द्वारा किए गए दान के बारे में नहीं बताना चाहिए क्योंकि दान वही होता है जिसे गुप्त रखा जाए
दूसरी बात – ध्यान या जप
कलयुग के इस आधुनिक युग में लोगों के पास भगवान की पूजा-पाठ करने के लिए समय नहीं होता है आज के इस दौर में बहुत कम लोग ही ऐसे हैं जो रोजाना ध्यान और जप करते हैं वास्तव में केवल भगवान को प्रसन्न करने के लिए ही पूजा-पाठ नहीं की जाती बल्कि पूजा-पाठ इंसान को उसकी अंतरआत्मा से जोड़ता है नियमित रुप से जप और ध्यान करने वाला व्यक्ति अपनी आत्मा को शुद्ध कर अपनी गलतियों को सुधारने की कोशिश करता है.
तीसरी बात – आत्म संयम
कई बार ऐसा होता है कि पैसों के पीछे भागते-भागते व्यक्ति का मन और दिमाग दोनों एक-दूसरे से विपरित दिशा में चलने लगता हैं और जाने-अंजाने में व्यक्ति कोई ना कोई अधर्म कर बैठता है लेकिन भगवद गीता में भगवान् श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए ज्ञान के अनुसार मन और बुद्धि दोनों को काबू में करने के लिए आत्म संयम का होना अत्यंत आवश्यक हे
चौथी बात – सत्य बोलना
कलयुग में सत्य पर असत्य इतना हावी होने लगा है कि सत्य और असत्य का पता लगाना किसी भी इंसान के लिए अत्यंत मुश्किल हो गया है किसी भी व्यक्ति की बातों से यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता हे कि वह व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ
इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि जो व्यक्ति कलयुग में हमेशा सत्य के मार्ग पर चलेगा उसका जीवन आसान हो जाएगा श्रीकृष्ण की बताई गई इन चार अहम बातों पर चलना कलयुग के इंसानों के लिए थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन जो व्यक्ति इन चार बातों का पालन करेगा उसका जीवन बेहद आसान हो जाएगा
कलयुग से बचने का एक ही उपाय हैं अपने अच्छे विचारों को भगवान के प्रति भक्ति और श्रद्धा से समर्पित करना और स्वयं को जानना
स्त्रियां पतिव्रत धर्म का पालन करना बंद कर देगी
निष्कर्ष
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इस घोर कलयुग में अब अच्छे इंसानों की जरूरत ही नहीं। जिधर देखो उधर दुष्ट और बुरे इंसानों को जमावड़ा है, चाहे घर में हो या बाहर सही इंसान तो नजर ही नहीं आते मैं बहुत ज्यादा परेशान हूं, मैं बेरोजगार हूं कुछ अपने लायक काम भी नहीं मिलता और ना कोई मेरे लिए कोई ढूंढता है। अपने हिसाब से रहने के लिए पैसे चाहिए। अपना परिवार भी साथ नहीं देता।बस अत्याचारों को सहते रहो और चुपचाप पड़े रहो। अब तो भगवान ही बचाए। जो एक दूसरे की मदद करते हैं वही सच्चे इंसान हैं। ॐ नमो नारायणाय।