महादेव का 17 अवतार : सुनटनर्तक | Lord shiva suntantarka avatar

दोस्तों क्या आप महादेव का 17 अवतार : सुनटनर्तक अवतार के बारेमे जानना चाहते हे ? क्या आप भगवन शिव के अवतार के बारेमे जानना चाहते हे? तो आप सही आर्टिकल पढ़ रहे हो । आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।

1Veerabhadra Avatar of Lord Shivaवीरभद्र: महादेव का प्रथम अवतार
2Piplaad Avatar of Lord Shivaपिप्पलाद: महादेव का द्वितीय अवतार
3Nandi Avatar of Lord Shivaनंदी: महादेव का तृतीय अवतार
4Bhairava Avatar of Lord Shivaभैरव: महादेव का चौथा अवतार
5Ashwatthama Avatar of Lord Shivaअश्वत्थामा: महादेव का पाँचवाँ अवतार
6Sharabha Avatar of Lord Shivaशरभावतार: महादेव का छठा अवतार
7Grihapati avatar of Lord Shivaगृहपति: महादेव का सातवाँ अवतार
8Durvasa avatar of Lord Shivaऋषि दुर्वासा: महादेव का आठवाँ अवतार
9Hanuman Avatar of Lord Shivaहनुमान: महादेव का नोवाँ अवतार
10Rishabha Avatar of Lord Shivaवृषभ: महादेव का दसवाँ अवतार
11Yatinath Avatar of Lord Shivaयतिनाथ: महादेव का ग्यारहवाँ अवतार
12Krishna Darshan Avatar of Lord Shivaकृष्णदर्शन: महादेव का बारहवाँ अवतार
13Avadhut Avatar of Lord Shivaअवधूत: महादेव का तेरहवाँ अवतार
14Bhikshuvarya Avatar of Lord Shivaभिक्षुवर्य: महादेव का चौदहवाँ अवतार
15Sureshwar Avatar of Lord Shivaसुरेश्वर: महादेव का पंद्रहवाँ अवतार
16Keerat Avatar of Lord Shivaकिरात: महादेव का सोलहवाँ अवतार
17Brahmachari avatar of Lord Shivaब्रह्मचारी: महादेव का सत्रहवाँ अवतार
18Sunatnartak avatar of Lord Shivaसुनटनर्तक: महादेव का अठारहवाँ अवतार
19Yaksheshwar Avatar of Lord Shivaयक्ष: महादेव का उन्नीसवाँ अवतार

महादेव का सत्रहवां सुनटनर्तक अवतार – Suntantarka avatar of Lord Shiva

भगवान शिव जी का यह अवतार उन्होंने माँ पार्वती को प्रशन्न करने के लिए किया था | सुनटनर्तक अवतार में शिवजी ने नट का रूप धारण किया था | शिवजी का यह रूप कोईभी पहचान नहीं पायाथा | शिवजी ने केवल माँ पार्वती को अपने वास्तविक रूप के दर्शन दिए थे | 

सुनटनर्तक अवतार कथा – Story of suntantarka avatar

यह कथा माता पार्वती से जुडी हे | किस प्रकार भगवान शिव ने माँ पार्वती का हाथ माँगा था | माँ पार्वती हिमाचल और मैना की तीसरी पुत्री थी | जो की और कोइ नथी परन्तु माता सती और उनके माता पिता दक्ष और प्रसूति का पुनः जन्म था | 

माता पार्वती माता सती काही पुनः जन्म होने के कारण बचपन से ही माता सती महादेव की भक्ति करने लगी | और महादेव के दर्शन के लिए तपस्या करने लगी | उनकी माँ मैना ने कई बार उन्हें शिवजी की तपस्या करने से मना किया परन्तु माता पार्वती ने शिवजी की तपस्या करना नहीं छोड़ा | समय बीतता जा रहा था और माता पार्वती विवाह योग्य हो गए थे |

माता पार्वती की तपस्या

एक बार माँ पार्वती वन में तपस्या कर रहे थे | उसी समय एक बह्मचारी वहां आते हे और माँ पार्वती को उनकी तपस्या का कारण पूछते हे | माता पार्वती ने उन्हें बताया की वे भगवान शिवजी को पाने की इच्छा से तप कर रहे हे | बह्मचारी यह सुन महादेव की तरह तरह से निंदा करने लगे | माता पार्वती यह देख बहुत क्रोधित हो गए | यह देख बह्मचारी अपने वास्तविक रूप में आये और माता पार्वती को अपने साथ केलाश आने को कहा | परन्तु माता पार्वती ने भगवान शिव को उनके पिताजी से हाथ मांग कर विवाह प्रश्ताव रखने को कहा | भगवान शिवजी उनकी बात से सहमत हो कर प्रश्ताव रखने का वचन दिया |   

भगवान् शिव की नृत्यकला

कुछ दिनों बाद शिवजी ने सुनटनर्तक वेष धारण कर पार्वती के पिता हिमाचल के महल गए | हाथ में डमरू लेकर शिवजी नट के रूप में हिमाचल के घर पहुंचे| नट के रूप धारी शिव ने वहा नृत्य किया | नटराज शिवजी ने इतना सुंदर और मनोहर नृत्य किया कि सभी प्रसन्न हो गए। महाराज हिमाचल भी उनकी नृत्यकला से बहुत प्रशन्न थे | महाराज हिमाचल ने सुनटनर्तक के पास जा कर कहा की तुम्हारी नृत्यकला अधभूत हे | यह कला का मूल्य हम नहीं आंक सकते | इस लिए आप स्वयं बताए की आप क्या मूल्य लेंगे आप जो मूल्य मांगे उतना मूल्य आपको दान किया जाएगा| यह सुन सुनटनर्तक वेश धारी शिवजी ने मूल्य के रूप में माँ पार्वती का हाथ मांग लिया | 

क्यों लिया था भगवान् शिव ने सुनटनर्तक अवतार

पिता हिमाचल दुविधा में पद गए क्युकी वे सुनटनर्तक को उनके कथन अनुशार मूल्य देने का वचन दे चुके थे | सुनटनर्तक उनको दुविधा में देख वाहा से चले गए परन्तु जाते जाते माँ पार्वती को अपने वास्त्विक रूप के दर्शन देते गए | उसके बाद माता पार्वती ने अपने पिता हिमाचल से सुनटनर्तक के वास्त्विक रूप के बारे में बताया और उनके विवाह प्रस्ताव को सहमति देने को कहा और पिता हिमाचल ने माता पार्वती का विवाह भगवान शिवजी से करवाने का निर्णय किया | 

निष्कर्ष
दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि भगवान् शिव के “महादेव का 17 अवतार : सुनटनर्तक” का यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके | आपका एक शेयर हमें आपके लिए नए आर्टिकल लाने के लिए प्रेरित करता है | भगवान् शिव से जुडी कथाओ के बारेमे जानने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे धन्यवाद ! 🙏 हर हर महादेव 🙏

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