ISRO – इसरो के बारे में | History of ISRO in Hindi

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन : जानें ISRO (Indian Space Research Organisation)के बारे में सब कुछ

भारत सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष खोज समिति का निर्माण 1962 हुवा उस वक्त भारत ने अंतरिक्ष जाने का सोचा |कर्णधार, दूरदृष्टा डॉ. विक्रम साराभाई के साथ अंतरिक्ष की खोज करने के लिए | तिरुवनंतपुरम में थुम्बा भूमध्यरेखीय रॉकेट लॉन्चर सेंटर की स्थापना की | 

हम सब जानते हैं की isro(Indian Space Research Organisation,) का निर्माण 1969 में हुआ था|19 अप्रैल 1975 में भारत ने पहला सैटेलाइट आर्यभट्ट को  सोवियत यूनियन( Soviet Union) की मदद से अंतरिक्ष में भेजा गया था | 1980 में भारत ने रोहिणी नाम का सैटेलाइट SLV-3 नामक रॉकेट पहली बार अंतरिक्ष में भेजा गया था | जो भारत ने पहली बार अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक रॉकेट को भेजा था | 

ऑगमेंटेड सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (ASLV) और इनसेट-2A isro ने  20 मई, 1992 को लॉन्च किया | ISRO में SLV-3 परियोजना का नेतृत्व भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल वैज्ञानिक स्वर्गीय ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने किया था | और उसके बाद डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन(DRDO) में  मिसाइल कार्यक्रम को निर्देशित करने के लिए काले गए |

इसरो का उद्देश्य (Indian Space Research Organisation)

अंतरिक्ष कार्यक्रम विक्रम साराभाई की दूरदृष्टि से निर्माण हुआ था | उसके चलते विक्रम साराभाई को अंतरिक्ष कार्यक्रम के पिता के नाम से जानते हे|  सेटेलाइट की मदद से आज संदेश व्यवहार और शिक्षण मे आज मदद रूप साबित होता हे | isro सैटेलाइट की मदद से आज पर्यावरण और मौसम की जानकारी देकर आने वाले प्राकृतिक आफ्टर से आगा करता हे |

इसरो की उपलब्धियां (Indian Space Research Organisation)

भारतीय अंतरिक्ष खोज समिति आज उनकी अंतरिक्ष की खोज और कौशल को पूरी दुनिया के सामने रख कर आज भारत को गर्व दीला रहा  हे| पिछले कुछ सालो मे isro दुनिया की बड़ीबड़ी अंतरिक्ष खोज समिति के सामान काम कर रहि है | 

पिछले कुछ सालो में isro ने कही सारि उपलब्धियों को हासिल किया हे |

2017 में 104 सैटेलाइट को लॉन्च करके isro ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है| 2014 में सफलतापूर्वक मंगल पर सैटेलाइट भेजने वाला isro पहला सेप्स ऑर्गेनिज़शन हे |मार्स ऑर्बिटर मिशन(mom) का बजेट हॉलीवुड ,बॉलीवुड की फिल्मोंसे भी काम बजेट था 450 करोड़ था|इनसैट मल्टी-पर्पज, जियोस्टेशनरी सैटेलाइट  की सुरुवात isro ने किहे |जॉकी टेलिकम्युनिकेशन,संदेश व्यवहार, मौसम विज्ञान और बचाव कार्यों में मदद करता है |जिसकी बदौलत आज कहि सारि जानो बचाया गया है|दिसंबर 2014 को isro ने GSLV-MK3 को लॉन्च किया था|और Q केप्सूल को बना कर भेजा जिसमे तीन अंतरिक्ष यात्रि को लेजा सकता हे|isro ने 22 ओक्टोबर 2008 को 312 दिन का अंतरिक्ष याति सहित चंद्र अभियान शुरू किया।चंद्र पर भारत का पहला  पथ-ब्रेकिंग मिशन था | इसे प्रयास करने वाले 6 अंतरिक्ष खोज समिति मेसे एक isro बना हे | isro ने अंतरिक्ष यात्री सहित अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए परीक्षण उड़ान के लिए योजना बनाई जा रही हे|

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