क्या आप परशुराम अवतार से जुड़ी कथा के बारेमे जानना चाहते हे ? क्या आप भगवान विष्णु के अवतार भगवान् परशुराम के बारेमे जानना चाहते हे? तो आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।
परशुराम अवतार जीवन परिचय :
नाम | भगवान परशुराम |
अन्य नाम | अनंतर राम |
कौन है | भगवान विष्णु का छठा अवतार |
जन्म | वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि |
पिता का नाम | जगदग्नि |
माता का नाम | रेणुका |
दादा का नाम | ऋचीक |
परशुराम जयंती | अक्षय तृतीया के दिन |
जाति | ब्राह्मण |
भगवान परशुराम अवतार – परशुराम कौन है? ( Who is parshuram )
भगवान विष्णु ने छठा अवतार परशुराम के तौर पे लाया था| परशुराम का जन्म सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप महर्षि भृगु के पुत्र महर्षि जमदग्नि और पत्नी रेणुका के पुत्र के तोरपे वैशाख शुक्ल तृतीया को हुवाथा|पितामह भृगु द्वारा उनका नाम राम रखा गया|जमदग्नि का पुत्र होने के कारण उनको जामदग्न्य भी कहते थे|और शिव जी के द्वारा उनको परशु प्राप्त हुवा जिसे उनको परशुराम भी कहते थे|
1 | Lord Vishnu Matsya avtar Story | भगवान विष्णु का प्रथम अवतार | मत्स्य अवतार |
2 | Lord Vishnu Kurma avatar Story | भगवान विष्णु का द्वितीय अवतार | कूर्म अवतार |
3 | Lord Vishnu Varah avatar katha | भगवान विष्णु का तृतीय अवतार | वराह अवतार |
4 | Lord Vishnu Narasimha avatar Story | भगवान विष्णु का चौथा अवतार | नरसिंह अवतार |
5 | Lord Vishnu Vaman Avtar Story | भगवान विष्णु का पाँचवाँ अवतार | वामन अवतार |
6 | Lord Vishnu Parshuram avtar Story | भगवान विष्णु का छठा अवतार | परशुराम अवतार |
7 | Lord Vishnu Shree Ram avtar Story | भगवान विष्णु का सातवाँ अवतार | श्रीराम अवतार |
8 | Lord Vishnu Shree Krishna avatar Story | भगवान विष्णु का आठवाँ अवतार | श्री कृष्ण अवतार |
9 | Lord Vishnu Budhdha avatar Story | भगवान विष्णु का नोवाँ अवतार | बुद्ध अवतार |
भगवान परशुराम की शिक्षा
उनकी शिक्षा महर्षि विश्वामित्र एवं ऋचीक के आश्रम में प्राप्त हुयी|शिक्षा प्राप्त होने पे महर्षि ऋचीक से शार्ङ्ग नामक दिव्य वैष्णव धनुष और ब्रह्मर्षि कश्यप से उनको विधिवत अविनाशी वैष्णव मन्त्र प्राप्त हुआ|तदुपरांत वे कैलाश में स्थित भगवान शंकर के आश्रम में विद्या प्राप्त की उनको भगवान शिव से श्रीकृष्ण का त्रैलोक्य विजय कवच, स्तवराज शास्त्रों एवं मन्त्र कल्पतरु भी प्राप्त हुए |
चक्रतीर्थ में परशुराम की कठिन तपस्या से पर्सन होकर भगवान विष्णु ने अनंत काल तक भूलोक पर रहने का वरदान दिया|परशुराम को शस्त्रविद्या के महान गुरु माना जाता था|उन्होंने महाभारत के कुछ शक्तिशाली योद्धा जैकी महामहिम भीष्म,गुरु द्रोण एवं दानवीर कर्ण को शस्त्र विद्या प्रदान की थी|
परशुराम ने पृथ्वी से क्षत्रियों का संहार क्यों किया ?
माना जाता है की परशुराम ने इक्कीस (21) बार पृथ्वी को क्षत्रियों से सुनी कर दी थी | परशुराम ने भगवान शिव के लिए एकादश छन्दयुक्त “शिव पंचत्वारिंशनाम स्तोत्र” भी लिखा हे |परशुराम ने नारी-जागृति-अभियान का संचालन अत्रि की पत्नी अनसूया, अगस्त्य की पत्नी लोपामुद्रा व अपने प्रिय शिष्य अंकित वण के सहयोग से किया था |
कही मान्यता के अनुसार यह भी कहा गया हे की परशुराम कलयुग अंत में जब कल्कि अवतार का जन्म होगा तब वे कल्कि अवतार के गुरु पद ग्रहण कर उन्हें शस्त्र विद्या का ज्ञान देंगे और कल्कि अवतार के साथ मिलकर सभी अधर्मियों संहार करेंगे |
भगवान विष्णु के दशावतार की कहानी यहाँ पर मिलेगी
इसके अलावा भगवान परशुराम का युद्ध गणेश के साथ हुआ रहा जिसमें उन्होंने गणेश के दांत को अपने फरसे से तोड दिया था । जिसमें बाद उनका नाम एकदंत पड़ा । ये कहानी अगले भाग में।
जय श्री राम
निष्कर्ष :
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