दोस्तों क्या आप बुद्ध अवतार से जुड़ी कथा के बारेमे जानना चाहते हे ? क्या आप भगवान बुद्ध नौवें अवतार के बारेमे जानना चाहते हे? तो आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।
बुद्ध अवतार से जुड़ी कथा :
शाक्य गणराज्य की तत्कालीन राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी जो नेपाल में है| वह 563 ईस्वी पूर्व में भगवान बुद्ध का जन्म हुवा था |
नाम : | सिद्धार्थ / गौतम बुद्ध |
जन्म तिथि : | 563 ईसा पूर्व |
निर्वाण तिथि : | ईसा पूर्व 483 कुशीनगर, भारत (आयु 80 वर्ष) |
जन्मस्थल : | लुम्बिनी – नेपाल |
माता : | मायादेवी |
महारानी महामाया देवी जोकि कपिलवस्तु की रानी थी | वो अपने नगर जाते हुए रास्ते में पीड़ा हुई और वहां उन्होंने एक बालक को जन्म दिया था | शिशु का नाम सिद्धार्थ रखा गया था |सिद्धार्थ ने गौतम गोत्र जन्म लेने के कारण उनको गौतम के नाम से भी जाने जाते थे | राजा शुद्धोधन सिद्धार्थ के पिता थे |और वो एक क्षत्रिय राजा थे | पौराणिक कथा के अनुसार माना जाता है की सिद्धार्थ की माँ उन्हें जन्म देने के बाद कुछ दिनों में ही उनका निधन हो गया था | सिद्धार्थ की माँ के जाने के बाद उनका पालन पोषण उनकी शुद्धोधन की दूसरी पत्नी महाप्रजापति (गौतमी)ने और उनकी मौसी ने किया था |
सिद्धार्थ के नाम का अर्थ “वह जो सिद्धि प्राप्ति के लिए जन्मा हो” | जब सिद्धार्थ का जन्म हुवा था तब साधु द्रष्टा असित ने उनको देख कर कहा था कि यह बच्चा बड़ा होकर या तो एक महान राजा या एक महान पवित्र पथ प्रदर्शक बनेगा | कुछ दिनों के बाद शुद्धोधन ने आठ ब्राह्मण को भविष्य पढ़ने के लिए बुलाया था । और सभी ने भविष्यवाणी करने के बाद कहा की, बच्चा या तो एक महान राजा या एक महान पवित्र आदमी बनेगा |
कैसे बने सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध
राजा शुद्धोधन सिद्धार्थ को राजा बनाना चाहता था लेकिन सिद्धार्थ बचपन सेही करुणा और दयावान थे |जिसके चलते वो बड़े होकर के महान पवित्र पथ प्रदर्शक बने | महाराज अशोक ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व बुद्ध के जन्म की स्मृति में एक स्तम्भ बनवाया था जोकि दक्षिण मध्य नेपाल में स्थित लुंबिनी में उस स्थल पर स्तिथ हे |
सिद्धार्थ ने वेद और उपनिषद का ज्ञान गुरु विश्वामित्र के पास से ली थी| और राजकाज और युद्ध-विद्या की भी शिक्षा भी प्राप्त की थी |दूसरे छात्र कुश्ती, घुड़दौड़, तीर-कमान, रथ चलाने में सिद्धार्थ की बराबरी नहीं कर पाता था | सोलह वर्ष की उम्र में सिद्धार्थ का कन्या यशोधरा के साथ विवाह हुआ था |कुछ सालो के बाद उन को एक पुत्र हुआ जिसका नाम उन्होंने राहुल रखा था |लेकिन मन वैराग्य में चला गया और सुख-शांति के लिए उन्होंने अपने परिवार का त्याग कर दिया था | और उसके बाद वो सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध बने |
भगवान विष्णु के दशावतार की कहानी यहाँ पर मिलेगी
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9 | Lord Vishnu Budhdha avatar Story | भगवान विष्णु का नोवाँ अवतार | बुद्ध अवतार |
FAQ For Gautam Budhdha
शुद्धोधन उनके पिता का नाम था जो की एक राजा भी थे।
गौतम बुद्ध द्वारा ईसा पूर्व छठवीं शताब्दी में बौद्ध धर्म का प्रवर्तन किया गया था
गौतम बुद्ध की माता का मायादेवी था
निष्कर्ष
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