देखों कालिया के फन पर नाचत कन्हैया गीत रवींद्र जैन और साथी द्वारा प्रस्तुत किया गया हे | श्रीकृष्णा रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है |
कलिया नाग जो यमुना नदी के एक कुण्ड में रहता था उसके प्रकोप से गोकुल के लोग बहुत दुखी थे और उसके डर से उस कुण्ड के नज़दीक कोई भी नहीं जाता था। श्री कृष्ण कलिया नाग के साथ युध करके उसे हारा देते हैं और उसके फ़न पर नृत्य करते हुए बाहर आ जाते हैं जिसे देख सभी नगर वासी और देवता उनकी आराधना करते हैं।
Dekho Kaliya Ke fan par nachat Kanhaiya Song Detail:
निर्देशक / Director | रामानंद सागर / आनंद सागर / मोती सागर (Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar) |
स्वर / Lyrics | सतीश डेहरा, चंद्रानी मुखर्जी और साथी |
संगीत / Music | रवींद्र जैन (Ravindra Jain) |
नेटवर्क / Network | दूरदर्शन नेशनल (DD National) |
शैली / Genre | श्रीकृष्ण भजन (Krishna Bhajan) |
सहायक निर्देशक / Asst. Directors | राजेंद्र शुक्ला / श्रीधर जेट्टी / ज्योति सागर (Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar) |
पटकथा और संवाद / Screenplay & Dialogues | रामानंद सागर (Ramanand Sagar) |
कैमरा / Camera | अविनाश सतोसकर (Avinash Satoskar) |
गीतकार / Lyrics | रवींद्र जैन (Ravindra Jain) |
पार्श्व गायक: (Playback Singers) | सुरेश वाडकर / हेमलता / रवींद्र जैन / अरविंदर सिंह / सुशील (Suresh Wadkar / Hemlata / Ravindra Jain / Arvinder Singh / Sushil) |
संपादक / Editor | गिरीश दादा / मोरेश्वर / आर मिश्रा / सहदेव (Girish Daada / Moreshwar / R. Mishra / Sahdev) |
निर्माता / Producers | रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर (Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar) |
Cast / पात्र | सर्वदमन डी. बनर्जी/ स्वप्निल जोशी / दीपक डेओलकर / संजीव शर्मा / पिंकी पारिख / रेशमा मोदी / श्वेता रस्तोगी (Sarvadaman D. Banerjee / Swapnil Joshi / Deepak Deulkar / Sanjeev Sharma / Pinky Parikh / Reshma Modi) |
Dekho Kaliya Ke Fan Par Nachat Kanhaiya Lyrics in Hindi
देखों कालिया के फन पर नाचत कन्हैया….२
देखो नाचत कन्हेया, जगत को नचैया ….
देखों कालिया के फन पर नाचत कन्हैया….२
जगत को नचैया हो सारी श्रष्टि को रचैया
देखों कालिया के फन पर नाचत कन्हैया..२
यही वह चरण हैं जो हर आपदा हरण करें
ये तीनों लोक मापते, ये गंग अवतरण करें
अनादि से सुरादि इनको सर्वदा स्मरण करें
हैं नाग भाग्यवान जिसपे न्रत्य यह चरण करें
अति दुर्लभ जग में ओ ….अति दुर्लभ इन चरणों की छइया..
देखों कालिया के फन पर नाचत कन्हैया….२
धरती की उठे हिलोरें, त्रिभुवन में आनंद भारी
मोहन के रंग में रंग के, नाचे हैं श्रष्टि सारी
थिरक थिरक कर नटवर नाचे, किन्नरी और किन्नर नाचे
गृह-नक्षत्र निरंतर नाचे, चरों ओर चराचर नाचे
नदियाँ नाची, निर्झर नाचे, पंछी, गौए, जलचर नाचे
मातु सरस्वती भी नाची, कृष्ण संग शिवशंकर नाचे
करते घोष मिलके, करते घोष तिंहू लोक के बसैया
जय जय कृष्ण कन्हैया, जय जय कृष्ण कन्हैया,
जय बंशी के बजैया, जय गौऔअन के चरैया
हैं नन्द तेरे बाबा, यशोदा तेरी मैया
जय बलदाऊ के भैया, जय जय कृष्ण कन्हैया ……
श्रीकृष्ण भजन की सारी लिरिक्स आपको यहाँ मिलेगी
कितना सुन्दर था चरित्र उनका जिसे वास्तव में अगर कुछ कोई दिखा सका हैं तो रामानंद सागर जी ही थे और कोई नहीं ….
श्री कृष्ण भजन – चर्ण पखारे बिना जाने
Dekho Kaliya Ke Fan Par Nachat Kanhaiya | देखों कालिया के फन Lyrical Video
निष्कर्ष :
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