Gyani vichlit hote nahi Geeta Gyan song lyrics from Shri Krishna also known as Krishna by Ramanand Sagar Serial.The series Original release 18 July 1993 – 5 October 1997.Starring by Sarvadaman D. Banerjee as Shree Krishna Pinky Parikh as Rukmani role
गीत / Song | जाने दे मोहे मथुरा जाना ( Jane De Mohe Mathura Jana) |
निर्देशक / Director | रामानंद सागर / आनंद सागर / मोती सागर (Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar) |
स्वर / Lyrics | सतीश डेहरा, चंद्रानी मुखर्जी और साथी |
संगीत / Music | रवींद्र जैन (Ravindra Jain) |
नेटवर्क / Network | दूरदर्शन नेशनल (DD National) |
शैली / Genre | श्रीकृष्ण भजन (Krishna Bhajan) |
सहायक निर्देशक / Asst. Directors | राजेंद्र शुक्ला / श्रीधर जेट्टी / ज्योति सागर (Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar) |
पटकथा और संवाद / Screenplay & Dialogues | रामानंद सागर (Ramanand Sagar) |
कैमरा / Camera | अविनाश सतोसकर (Avinash Satoskar) |
गीतकार / Lyrics | रवींद्र जैन (Ravindra Jain) |
पार्श्व गायक: (Playback Singers) | सुरेश वाडकर / हेमलता / रवींद्र जैन / अरविंदर सिंह / सुशील (Suresh Wadkar / Hemlata / Ravindra Jain / Arvinder Singh / Sushil) |
संपादक / Editor | गिरीश दादा / मोरेश्वर / आर मिश्रा / सहदेव (Girish Daada / Moreshwar / R. Mishra / Sahdev) |
निर्माता / Producers | रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर (Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar) |
Cast / पात्र | सर्वदमन डी. बनर्जी/ स्वप्निल जोशी / दीपक डेओलकर / संजीव शर्मा / पिंकी पारिख / रेशमा मोदी / श्वेता रस्तोगी (Sarvadaman D. Banerjee / Swapnil Joshi / Deepak Deulkar / Sanjeev Sharma / Pinky Parikh / Reshma Modi) |
Gyani vichlit hote nahi Geeta Gyan song Lyrics in Hindi
शोक के योग्य नहीं उनमे कोई,
जिनके शोक में तू अकुलाए।
पंडित तो जैसे बोले बचन,
और सच्चे ज्ञान से आंख चुराए।।
देह के दिप में प्राणों की ज्योति,
काल जलाये काल बुझाये।
ज्ञानी विचलित होते नही ,
कोई जग में रहे या जग से जाए।।
हे महाभाग
ये देह का त्याग पुराने वस्त्र उतारने जैसा
जीवात्मा का नूतन जन नए परिधान धारणे जैसा
देह भी चोला वस्त्र भी चोला,
है यह तथ्य विचारने जैसा।
चोले के इस परिवर्तन पर,
क्या है धीरज हारने जैसा ॥
बचपन यौवन वृद्धावस्था
जीवात्मा की हो जैसी तन में
वैसे ही रहकर नूतन जन
प्रवेश करे वो नए जीवन में
ज्योंही देने को चले, प्रभु अर्जुन को ज्ञान।
कुरुक्षेत्र पे हो गया , केंद्रित सबका ध्यान।।
ब्रह्मा जागे नारद चौके,
त्रिभुवन में कौतुहल जागा
चारों दिशाए सचेत हुई,
धरती पर ध्यान सभी का लागा।
गीता के महाज्ञान श्रवण को,
शिव ने ध्यान समाधि से त्यागा।
एक अर्जुन के निमित मिलेगा,
ज्ञानामृत सबको बिन मांगा।
हे अर्जुन किस हेत बता तू,
असमय मोह को प्राप्त हुआ है।
वीरोचित है न आयोचित जो,
शोक तेरे मन व्याप्त हुआ है।।
स्वर्ग मिलेगा या कीर्ति बढ़ेगी,
क्या यह बोध समाप्त हुआ है।
धर्म के युद्ध को शस्त्र उठा के,
महासंग्राम तेरा मग जोहे।
सब धर्मों के भेद भुलाके,
एक मेरा शरणागत हो जा।
मैं हर पाप से मुक्ति दूंगा,
शोक न कर मेरी भक्ति में खोजा।
धर्म अधर्म के वेदों से न्यारे,
अमर है गीता ये ओ नजारे।
हे नाथ नारायण बासुदेव,
एक मात्र सारथी सखा हमारे।।
हे नाथ नारायण बासुदेव,
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी
श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को महाभारत के युद्ध में दिया गया गीता उपदेश के भजन और गीत।
Gyani vichlit hote nahi Geeta Gyan song Lyrics in English
shok ke yogy nahin uname koee,
jinake shok mein too akulae.
pandit to jaise bole bachan,
aur sachche gyaan se aankh churae..
deh ke dip mein praanon kee jyoti,
kaal jalaaye kaal bujhaaye.
gyaanee vichalit hote nahee ,
koee jag mein rahe ya jag se jae..
jyonhee dene ko chale,
prabhu arjun ko gyaan.
kurukshetr pe ho gaya ,
kendrit sabaka dhyaan..
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी – Shree Krishna Govind Hare Murari Lyrics
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श्री कृष्ण भजन | गीता ज्ञान-14 – ज्ञानी विचलित होते नहीं, कोई जाग में रहे या जाग से जाए
निष्कर्ष :
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