दोस्तों क्या आप “महादेव का बारवा अवतार कृष्णदर्शन” अवतार के बारेमे जानना चाहते हे ? क्या आप भगवन शिव के अवतार के बारेमे जानना चाहते हे? तो आप सही आर्टिकल पढ़ रहे हो । आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।
1 | Veerabhadra Avatar of Lord Shiva | वीरभद्र: महादेव का प्रथम अवतार |
2 | Piplaad Avatar of Lord Shiva | पिप्पलाद: महादेव का द्वितीय अवतार |
3 | Nandi Avatar of Lord Shiva | नंदी: महादेव का तृतीय अवतार |
4 | Bhairava Avatar of Lord Shiva | भैरव: महादेव का चौथा अवतार |
5 | Ashwatthama Avatar of Lord Shiva | अश्वत्थामा: महादेव का पाँचवाँ अवतार |
6 | Sharabha Avatar of Lord Shiva | शरभावतार: महादेव का छठा अवतार |
7 | Grihapati avatar of Lord Shiva | गृहपति: महादेव का सातवाँ अवतार |
8 | Durvasa avatar of Lord Shiva | ऋषि दुर्वासा: महादेव का आठवाँ अवतार |
9 | Hanuman Avatar of Lord Shiva | हनुमान: महादेव का नोवाँ अवतार |
10 | Rishabha Avatar of Lord Shiva | वृषभ: महादेव का दसवाँ अवतार |
11 | Yatinath Avatar of Lord Shiva | यतिनाथ: महादेव का ग्यारहवाँ अवतार |
12 | Krishna Darshan Avatar of Lord Shiva | कृष्णदर्शन: महादेव का बारहवाँ अवतार |
13 | Avadhut Avatar of Lord Shiva | अवधूत: महादेव का तेरहवाँ अवतार |
14 | Bhikshuvarya Avatar of Lord Shiva | भिक्षुवर्य: महादेव का चौदहवाँ अवतार |
15 | Sureshwar Avatar of Lord Shiva | सुरेश्वर: महादेव का पंद्रहवाँ अवतार |
16 | Keerat Avatar of Lord Shiva | किरात: महादेव का सोलहवाँ अवतार |
17 | Brahmachari avatar of Lord Shiva | ब्रह्मचारी: महादेव का सत्रहवाँ अवतार |
18 | Sunatnartak avatar of Lord Shiva | सुनटनर्तक: महादेव का अठारहवाँ अवतार |
19 | Yaksheshwar Avatar of Lord Shiva | यक्ष: महादेव का उन्नीसवाँ अवतार |
महादेव का बारवा अवतार कृष्णदर्शन – Lord Shiva aavtar krishna-darshan
महादेव का यह अवतार यज्ञ जैसे कार्य का महत्त्व पदर्शित करता हे | भगवान् शिव ने कृष्णदर्शन अवतार में नभग को दर्शन दिए थे | कृष्णदर्शन अवतार में भगवान् शिव ने इक्ष्वाकुवंशीय श्राद्धदेव की नवमी पीढ़ी में राजा नभग को यज्ञ का भाग दियाथा और उसकी सहायता की थी |
कृष्णदर्शन अवतार कथा :
यह कथा इक्ष्वाकुवंशीय श्राद्धदेव की नवमी पीढ़ी के राजा नभग के विषय में हे | नभग विद्या-अध्ययन के हेतु और ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए आश्रम गए| कई वर्ष तक न लौटने पर उनके भाइयों ने संपत्ति का बंटवारा कर लिया और नभग के हिस्से में केवल वृद्ध पिता को दिया। संपत्ति का तुच्छ हिस्सा भी नभग के हिस्से में नहीं दिया |
नभग ये देख अपने पिता के पास जाता हे और कहता हे ” पिता जी ! मेरे बड़े भाइयों ने संपत्ति का बंटवारा कर लिया हे और मेरे हिस्से में मेरे लिए आपको ही दिया है| पिता को यह देख बुरा जगता हे परन्तु नभग अपने पिता को पाकर संतुष्ट था | उनके पास धन न होने पर नभग के पिता ने धन कमाने के लिए नभग को यज्ञ में अपनी विद्या उपयोग कर धन कमाने का परामर्श दिया और कहा “आंगिरस गोत्र ब्राह्मण बहुत बड़ा यज्ञ कर रहे हैं । परंतु वे प्रत्येक छठे दिन अपने कर्म में भूल कर बैठते हैं। तुम उनके पास जाओ और उन्हें वैश्वदेव सम्बन्धी दो सूक्त बतला दो| यज्ञ समाप्त होने पर जब वे स्वर्ग जाने लगेंगे, तब यज्ञ से बचा हुआ सारा धन तुम्हें दे देंगे।”
महादेव के अवतार कृष्णदर्शन
नभग ने अपने पिता के आज्ञानुसार वैसा ही किया। नभग आंगिरस गोत्र के ब्राह्मण पास गए और उन्हें वैश्वदेव सम्बन्धी भूल को सुधारा और कुशलता पूर्वक यज्ञ समाप्त हुआ | उन ब्राह्मणों ने यज्ञ का बचा हुआ सारा धन नभग को दे दिया और वे स्वर्ग में चले गये।जब नभग धन लेने लगा, तब उत्तर दिशा से एक काले रंग का पुरुष आया।जोकि महादेव के अवतार कृष्णदर्शन थे | उसने कहा “इस यज्ञभूमि में जो कुछ बचा हुआ है, वह सब धन मेरा है|”यह सुन नभग ने बड़े विनम्रता से उनसे कहा “ऋषियों ने यह धन मुझे दिया है, इसलिए यह मेरा है” नभग के यह वचन का उत्तर देते हुए कहा “हमारे विवाद के विषय मे तुम्हारे पिता से ही प्रश्न किया जाए “।नभग कोभी यह ठीक लगा |
नभग भागते हुए अपने पिता के पास जाता हे| नभग के पिता ने महादेव के रूप को जान लिया था | नभग के पिता उसे कहते हे की “दक्षप्रजापति के यज्ञ में ऋषि लोग यह निश्चय कर चुके हैं कि यज्ञभूमि में जो कुछ बच जाता है, वह सब रुद्रदेव का हिस्सा है। इसलिए यह धन महादेव का ही हे | पिता के यह कहने पर नभग उस पुरुष के पास जाकर रुद्र भगवान को प्रणाम किया और कहा कि” ‘प्रभो ! मेरे पिता ने ऐसा ही कहा है। यज्ञभूमि की सभी वस्तुएँ आपकी हैं, भगवन्! मुझसे अपराध हुआ, मैं आपसे क्षमा माँगता हूँ ।
नभग ने जैसा उनके पिता ने कहा व्ही कहता हे तब भगवान रुद्र ने कहा ‘तुम्हारे पिता ने धर्म के अनुकूल निर्णय दिया है और तुमने भी मुझसे सत्य ही कहा है।तुम वेदों का अर्थ तो पहले से ही जानते हो।अब मैं तुम्हें सनातन ब्रह्म तत्व का ज्ञान देता हूँ और यज्ञ में बचा हुआ मेरा जो अंश है, यह धन भी मैं तुम्हें दे रहा हूँ| इस तरह महादेव नभग के कस्तो को दूर कर देते हे|
महादेव का 13 अवतार अवधूत – Avdhut avatar of Lord Shiva
महादेव का 14 अवतार भिक्षुवर्य | Lord shiva bhikshuvarya Avatar
निष्कर्ष
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