श्रीकृष्ण लीला – श्रीकृष्ण का विराट स्वरुप | Lord Krishna Virat Swarup

कभी सोचा है भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप हमें क्या सिखाता है? क्यों भगवान श्रीकृष्ण जंगल में पेड़ के नीचे खड़े बांसुरी बजा रहे हैं?
मुकुट पर मोरपंख तन पर पीतांबरी, गले में वैजयंती की माला, साथ में राधा और उनके पीछे गाय। भगवान श्रीकृष्ण की यह छवि हमें क्या प्रेरणा देती है?।

क्यों भगवान श्रीकृष्ण का रूप इतना मनोहर लगता है। वास्तव में भगवान श्रीकृष्ण हमें जीवन जीना सिखाते हैं, उनका यह स्वरूप अगर गहराई से समझा जाए तो इसमें हमें सफल जीवन के कई सूत्र मिलते हैं

आइये जानते हे भगवान श्रीकृष्ण की छवि से हमें क्या सीख मिलती है

मोरपंख 

भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट पर मोर का पंख है। यह बताता है कि जीवन में सभी तरह के रंग होते हैं। यह रंग हमारे जीवन के भाव हैं। सुख है तो दुख भी है, सफलता है तो असफलता भी मिलन है तो बिछोह भी। जीवन इन्हीं रंगों से मिलकर बना है।

जीवन से जो मिले उसे माथे लगाकर अंगीकार कर लो। यानी सुख दुःख प्रेम करुणा अहंकार आदि को मर्यादा में रखे तो जीवन बहुत सुंदर हो सकता हे | इसलिए मोर मुकुट भगवान के सिर पर है।

दूसरा बांसुरी

भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी बजा रहे हैं, यानी जीवन में कैसी भी घडी आए हमें घबराना नहीं चाहिए। भीतर में शांति हो तो जीवन सफल हो जायेगा । ऐसे ही अगर भक्ति पानी है तो अपने भीतर शांति कायम करने का प्रयास करें।

वैजयंती माला

भगवान के गले में वैजयंती माला है, यह कमल के बीजों से बनती है। इसके दो मतलब हैं कमल के बीच सख्त होते हैं, कभी टूटते नहीं, सड़ते नहीं, हमेशा चमकदार बने रहते हैं। भगवान कह रहे हैं जब तक जीवन है तब तक ऐसे रहो जिससे तुम्हें देखकर कोई दुखी न हो।

दूसरा यह माला बीज की है और बीज ही है जिसकी मंजिल होती है भूमि। भगवान कहते हैं जमीन से जुड़े रहो, कितने भी बड़े क्यों न बन जाओ, हमेशा अपने अस्तित्व को पहचानो और अहंकार से दूर रहो  

पीतांबर

पीला रंग सम्पन्नता का प्रतीक है। भगवान कहते हैं ऐसा पुरुषार्थ करो कि सम्पन्नता खुद आप तक चल कर आए। इससे जीवन में शांति का मार्ग खुलेगा।यह रंग बृहस्पति का रंग भी है।

कमरबंद

भगवान ने पीतांबर को ही कमरबंद बना रखा है। इसका अर्थ है हमेशा चुनौतियों के लिए तैयार रहें। धर्म के पक्ष में जब भी कोई कर्म करना पड़े हमेशा तैयार रहें। 

राधा

भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा भी है। इसका अर्थ है जीवन में स्त्रीयों का महत्व भी है। उन्हें पूर्ण सम्मान दें। वे हमारी बराबरी में रहें, हमसे नीचे नहीं।* 

सुदर्शन चक्र

भगवान् श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय हथियार सुदर्शन यानी सु+दर्शन जो दिखने में बहोत सुंदर हो प्रभावशाली हो 

इंसान के लिए उनका अस्तित्व ही सुदर्शन हे लोग आपके व्यक्तित्व को देखकर ही व्यवहार करते हे यह सुदर्शन हे तो आपकी हर जगह जीत तय होगी 

श्रीकृष्ण बाणासुर युद्ध: श्रीकृष्ण लीला – श्रीकृष्ण का विराट स्वरुप | Lord Krishna Virat Swarup

गाय

गाय हमेशा भगवान् श्री कृष्ण के साथ होती हे वह हमारी कामधेनु गौ माता हे  जो हमेशा पूजनीय हे भगवान् श्रीकृष्ण कहते हे गायो में में कामधेनु हु जो वास्तविक रूप में सारी इच्छा परिपूर्ण करती हे संसार में पृथ्वी और गो सेवा से बड़ा कोई उदार और क्षमादान देने वाला नहीं है।

गाय भगवान श्री कृष्ण को अति प्रिय है, क्योंकि गाय सब कार्यों में उदार तथा समस्त गुणों की खान है। गौ माता हमे उदारता का संदेश देती हे 

भगवान् श्रीकृष्ण के जीवन से सीखे

अपने आप को भगवान के हवाले कर दो, यही सर्वोत्तम सहारा है, जिसने इस सहारे को पहचान लिया है वह भय, चिंता और दु:खों से मुक्त हो जाता है।जो कुछ भी आज तुम्हारा है, कल किसी और का था और परसों किसी और का हो जाएगा, इसलिए माया के चकाचौंध में मत पड़ो। माया ही सारे दु:ख, दर्द का मूल कारण है।

न तो यह शरीर तुम्हारा है और न ही तुम इस शरीर के हो, यह शरीर पांच तत्वों (अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश) से बना है और एक दिन यह शरीर इन्हीं में विलीन हो जाएगा।जो हुआ वह अच्छा ही हुआ है, जो हो रहा है वह अच्छा ही हो रहा है और जो होगा वह भी अच्छा ही होगा। बीते समय के लिए पश्चाताप मत करो, आने वाले समय के लिए चिंता मत करो, *जो समय चल रहा है केवल उसी पर ध्यान केन्द्रित करो।

 तुम अपने साथ कुछ भी नहीं लाए थे। हर कोई खाली हाथ ही आया है और मरने के बाद खाली हाथ ही जाएगा। अपने कर्मो और संस्कारो को छोड़ कर यहां से कोई कुछ नहीं ले जा सका और ना लाया है।

Lord Krishna Virat Swarup: YouTube Video

FAQs For Lord Krishna Virat Swarup

कृष्ण महान क्यों है?

क्योकि श्रीकृष्ण के जीवन से हम बहुत कुछ सीख सकते हे

श्री कृष्ण में कितने गुण थे?

श्री कृष्ण 64 कला से भी परिपूर्ण हैं | उनका रूप सौंन्दर्य अद्भुत है जो सारी सृष्टि में अद्वितीय है

श्री कृष्ण को क्या प्रिय है?

भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी सबसे प्रिय हे

भगवान श्रीकृष्ण का अवतार इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

भगवान श्रीकृष्ण का अवतार विष्णु का अवतार माना जाता है जिन्हें सर्वोच्च अवतार माना जाता है

निष्कर्ष:

दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि “श्रीकृष्ण का विराट स्वरुप-श्रीकृष्ण लीला” वाला यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके | आपका एक शेयर हमें आपके लिए नए आर्टिकल लाने के लिए प्रेरित करता है | ऐसी कथाओ के बारेमे जानने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे

धन्यवाद ! 🙏 जय श्रीकृष्ण 🙏

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