भगवान शिव का छथा शरभ अवतार | Lord Shiva Sharbha Avtar

दोस्तों क्या आप “भगवान शिव का छथा शरभ अवतार” अवतार के बारेमे जानना चाहते हे ? क्या आप भगवन शिव के अवतार के बारेमे जानना चाहते हे? तो आप सही आर्टिकल पढ़ रहे हो । आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।

1Veerabhadra Avatar of Lord Shivaमहादेव का प्रथम अवतारवीरभद्र अवतार
2Piplaad Avatar of Lord Shivaमहादेव का द्वितीय अवतारपिप्पलाद अवतार
3Nandi Avatar of Lord Shivaमहादेव का तृतीय अवतारनंदी अवतार
4Bhairava Avatar of Lord Shivaमहादेव का चौथा अवतारभैरव अवतार
5Ashwatthama Avatar of Lord Shivaमहादेव का पाँचवाँ अवतारअश्वत्थामा अवतार
6Sharabha Avatar of Lord Shivaमहादेव का छठा अवतारशरभावतार
7Grihapati avatar of Lord Shivaमहादेव का सातवाँ अवतारगृहपति अवतार
8Durvasa avatar of Lord Shivaमहादेव का आठवाँ अवतारऋषि दुर्वासा
9Hanuman Avatar of Lord Shivaमहादेव का नोवाँ अवतारहनुमान अवतार
10Rishabha Avatar of Lord Shivaमहादेव का दसवाँ अवतारवृषभ अवतार
11Yatinath Avatar of Lord Shivaमहादेव का ग्यारहवाँ अवतारयतिनाथ अवतार
12Krishna Darshan Avatar of Lord Shivaमहादेव का बारहवाँ अवतारकृष्णदर्शन अवतार
13Avadhut Avatar of Lord Shivaमहादेव का तेरहवाँ अवतारअवधूत अवतार
14Bhikshuvarya Avatar of Lord Shivaमहादेव का चौदहवाँ अवतारभिक्षुवर्य अवतार
15Sureshwar Avatar of Lord Shivaमहादेव का पंद्रहवाँ अवतारसुरेश्वर अवतार
16Keerat Avatar of Lord Shivaमहादेव का सोलहवाँ अवतारकिरात अवतार
17Brahmachari avatar of Lord Shivaमहादेव का सत्रहवाँ अवतारब्रह्मचारी अवतार
18Sunatnartak avatar of Lord Shivaमहादेव का अठारहवाँ अवतारसुनटनर्तक अवतार
19Yaksheshwar Avatar of Lord Shivaमहादेव का उन्नीसवाँ अवतारयक्ष अवतार

आखिर क्यों भगवान शिव को लेना पड़ा था शरभ अवतार

जानिये इससे जुड़ी पौराणिक कथा:

भगवान शिव के यह अवतार का सर्जन भगवान विष्णु के क्रोधित अवतार भगवान नृसिंहदेव के क्रोध को शांत करने के लिए हुआ था|पुराणों के अनुशार भगवान शिव का यह शरभ अवतार महाभयंकर विकराल था और सिंह, शरभ नामक पक्षी और गज का मिला जुला स्वरुप थे|वर्णन के अनुशार वे दो पंख,आठ पैर,चार सहस्र भुजा, शीश पर जटा, मस्तक पर चंद्र से युक्त थे। 

शरभावतार कथा 

यह कथा भगवान विष्णु के नृसिंहदेव अवतार से जुड़ी हे|भगवान विष्णु ने अपने परम भक्त प्रह्लाद को हिरण्यकशिपु के अत्याचर से बचा ने और हिरण्यकशिपु का वध करने के लिए भगवान् नृसिंहदेव का अवतार लिया था|भगवान नृसिंह में वो सभी लक्षण थे जो हिरण्यकशिपु के मृत्यु के वरदान को संतुष्ट करते थे।

महादेव का पाँचवा अवतार : अश्वत्थामा

इसी वजह से हिरण्यकशिपु की मृत्यु संभव हुए|परन्तु भगवान विष्णु के यह अवतार की वजह से पृथ्वी लोक पर एक दुविधा आंध पड़ी भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार से हिरण्यकशिपु की मृत्यु के पश्च्यात भी नृसिंहदेव् का क्रोध शांत नथी हुआ|नृसिंहदेव के क्रोध की सीमा पार हो चुकी थी|वह सवयं को अपने काबू में नथी रख पाए|नृसिंहदेव अपने मार्ग में आने वाले प्रत्येक प्राणी का संहार कर रहे थे|

क्या है शिव के शरभ अवतार की कथा

सभी देवता भयभीत हो गए और ब्रह्माजी की शरण में गए। ब्रह्माजी के पास उपाय न मिलने पर ब्रह्माजी ने भगवान विष्णु के पास जाने का परामर्श दिया|जब सभी देवता भगवान विष्णु पाश गए और समस्या बताई तब भगवान विष्णु ने कहा नृसिंहदेव् मेरा ही अवतार हे और में अपने स्वयं अवतार के विरुद्ध कुछ भी करने में असमर्थ हु|भगवान विष्णु भी असमर्थता दिखने पर एकमात्र महादेव ही थे जो नृसिंह के क्रोध को शांत कर सकते हैं और पृथ्वी पर हो रहे विनाश से मुक्ति दिला सकते थे| 

शरभ अवतार ने कैसे किया नरसिंह के क्रोध को शांत

अब सभी देवता महदेव से मदद मांगने पोहचे|महदेव ने प्रथम अवतार वीरभद्र को नृसिंहदेव् का क्रोध शांत करने भेजा|वीरभद् ने नृसिंहदेव् को समजाने का प्रायाश किया परन्तु नृसिंहदेव् का क्रोध शांत नहीं हुआ आवेश में आकर वीरभद् ने बल का प्रयोग किया।नृसिंहदेव् का क्रोध इतना बढ़ गयाथा की वीरभद् ने हार मानली और महादेव के पास चले गए वीरभद्र को भी असफल देख अंत में महादेव स्वयं नृसिंह के पास पहुँचे। भगवान शिवजी ने नृसिंह अवतार से अधिक शाक्तिशाली शरभ अवतार धारण किया| 


भगवान शिव और भगवान विष्णु का प्रलयंकारी युद्ध

दोनों महाशक्तियों में भयानक युद्ध प्रारम्भ हो गया जो १८ दिनों तक चला।जब भगवान शरभ ने देखा की युद्ध के कारण से सृष्टि का नाश हो रहा है तो विवश होकर उन्होंने भगवान नृसिंह को अपनी पूंछ में लपेट लिया और आकाश की तरफ ले गए|

भगवान शिव का गृहपति अवतार

भगवान नृसिंह ने भगवान शरभ की पकड़ से छूटने का बहुत प्रयास और अपनी सारी शक्तियों और प्रयासों के बाद भी भगवान नृसिंह उनकी पकड़ से छूट नथी पाए|अंततः शक्तिहीन होकर उन्होंने शरभ रूप महादेव को पहचाना।तब कही जाकर उनका क्रोध शांत हुआ।तब शरभ रूपी भगवान शिव ने उन्हें मुक्त कर दिया।

महादेव का आठवा अवतार दुर्वासा | Lord Shiva Durvasa Aavtar

महादेव का नौवा अवतार : हनुमान | Lord shiva rudra avatar hanuman

निष्कर्ष
दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि भगवान् शिव के “भगवान शिव का छथा शरभ अवतार” का यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके | आपका एक शेयर हमें आपके लिए नए आर्टिकल लाने के लिए प्रेरित करता है | भगवान् शिव से जुडी कथाओ के बारेमे जानने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे धन्यवाद ! 🙏 हर हर महादेव 🙏

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