श्रीकृष्ण अवतार – Lord Vishnu Shree Krishna Avatar Story | Krishna

दोस्तों क्या आप श्रीकृष्ण अवतार से जुड़ी कथा के बारेमे जानना चाहते हे ? क्या आप भगवान विष्णु के अवतार भगवान् श्री कृष्ण के बारेमे जानना चाहते हे? तो आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे |

श्रीकृष्ण अवतार कथा – Lord Krishna Story

श्री कृष्ण की कथा प्रेम, त्याग, और अपार ज्ञान का स्रोत है| मथुरा का राजा कंस जो अपनी बहन देवकी और वासुदेव का विवाह होने के बाद उनको ससुराल छोड़ने जा रहा था तभी अचानक से आकाशवाणी हुई थी | उस आकाशवाणी में बताया की देवकी और वासुदेव का आठवां पुत्र कंस का वध करेगा |यह सुनकर कंस डर गया था और उसने देवकी और वासुदेव को बंदी बना दिया था|

श्रीकृष्ण का जीवन परिचय :

नाम कृष्ण वासुदेव यादव 
जन्म तिथि श्रवण अष्टमी कृष्ण पक्ष 
अस्त्रसुदर्शन चक्र
संस्कृत नामकृष्णः
जन्मस्थान मथुरा जेल 
माता देवकी
पिता वासुदेव
पालक मातायशोदा 
पालक पिता नंदा बाबा
भाई बलराम
बहन सुभद्रा
निवासस्थानवृंदावन, द्वारका, गोकुल, वैकुंठ, द्वारका नगरी 
प्रियबांसुरी

कंस ने देवकी और वासुदेव को बंदी बनाकर कारागार में बंद कर दिया था तब देवकी ने कंस से विनती करके कहा था की में खुद अपनी संतान को तुम्हारे हवाले कर दूंगी | यह सब देवकी ने अपने पति वासुदेव को बचाने के लिए कहा था | कुछ समय के बाद देवकी ने अपनी पहली संतान को जन्म दिया था | इस बात का जब कंस को पता चला तब उसने कारागार में आकर उस देवकी और वासुदेव के पहले संतान को मार दिया था | ऐसे ही कंस ने वासुदेव और देवकी के बाकी के सन्तानों को भी मार दिया था | 

वासुदेव और देवकी के सातों संतान को मारने के बाद जब आठवीं संतान की बारी आयी तब कंस ने कारागार में बहुत से सैनिक तैनात कर दिए थे | जब वासुदेव और देवकी के आठवीं संतान के तौर पर श्री विष्णु ने जन्म लिया था तभी यशोदा और नंदलाल के यहाँ एक पुत्री ने जन्म लिया था लेकिन वो भगवान की माया थी|

श्रीकृष्ण जन्म की कहानीश्रीकृष्ण अवतार

वासुदेव और देवकी के पुत्र श्री कृष्णा के रूप में जन्म लिया तब भगवान विष्णु ने अपने दर्शन दिए थे | वासुदेव और देवकी कहा कि “ आप मुझे लेकर अपने मित्र नंदलाल के पास जाकर रख दो और उनके यहां जन्मी पुत्री को लेकर कंस के हवाले कर दे |” यह कहकर भगवान विष्णु फिरसे उनके पुत्र का रूप ले लिया था| तभी कारागार के सभी सैनिक सो गये और सभी द्वार भी खुल गए थे |

जब वासुदेव श्री कृष्ण को ले कर जा रहे थे तब चारों और भयंकर बारिश हो रही थी | और उन्हें मां गंगा के प्रवाह से गुजरना था तब मां गंगा ने अपने प्रवाह के बीच से रास्ता दिया था |और शेषनाग ने श्री कृष्ण की रक्षा करने के लिए उनके फेन खोले थे |

वासुदेव श्री कृष्ण को लेकर वृंदावन नंदलाल के घर गए और श्री कृष्ण को वहां उनके घर रखकर उनकी पुत्री को अपने साथ वापस कारागार में लाये थे | जब वासुदेव वापस कारागार में पहुंच गए तब फिरसे सभी द्वार बंद हो गये और सभी  सैनिक वापस अपने होश में आ गए थे |

कंश वध

कंस को जब पता चला की देवकी आठवीं संतान श्रीकृष्ण अवतार को जन्म दिया हे तब कंस ने बिना कोई देरी किये उस बच्चे को मारने के लिए वहां पहुंच गया| लेकिन जब उसको पता चला की देवकी ने पुत्री को जन्म दिया हे तभी कंस उसे मारना चाहता था | जब कंस ने उस पुत्री को मारने की कोशिश की तब वो बच्ची (माया देवी )अपने आप ही हवा में उड़ने लगी थी और उसने कंस को चेतावनी देकर गायब हो गयी | 

जब कंस को पता चला की उसका काल जन्म ले चुका हे तब उसने श्री कृष्ण को मारने के लिए मायावी असुर को भेजा लेकिन श्री कृष्ण ने सबको मार दिया था| जब कंस को लगा कि मायावी से असुरों कुछ नहीं होगा तब कंस ने श्री कृष्ण को मथुरा बुलाया था और मथुरा जाकर श्री कृष्ण ने कंस को उसके अपराधों का दंड दिया था | 

श्रीकृष्ण बलराम शिक्षा

श्री कृष्ण और बलराम ने अपनी शिक्षा और दीक्षा संदीपनी ऋषि के आश्रम से प्राप्त की थी | संदीपनी ऋषि के आश्रम में श्री कृष्ण की मित्रता सुदामा से हुई थी | श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता चारों और प्रसिद्ध थी | और आज भी प्रसिद्ध हे | अपनी शिक्षा और दीक्षा सम्पूर्ण होने के बाद श्री कृष्ण द्वारका के राजा बने और उनको सभी लोग द्वारकाधीश के नाम से जानने लगे |

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2Lord Vishnu Kurma avatar Storyभगवान विष्णु का द्वितीय अवतारकूर्म अवतार
3Lord Vishnu Varah avatar kathaभगवान विष्णु का तृतीय अवतारवराह अवतार
4Lord Vishnu Narasimha avatar Storyभगवान विष्णु का चौथा अवतारनरसिंह अवतार
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8Lord Vishnu Shree Krishna avatar Storyभगवान विष्णु का आठवाँ अवतारश्रीकृष्ण अवतार
9Lord Vishnu Budhdha avatar Storyभगवान विष्णु का नोवाँ अवतारबुद्ध अवतार

श्री कृष्ण और रुक्मणी दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थे | लेकिन रुक्मणी का विवाह  शिशुपाल के साथ होने वाला था| जब श्री कृष्ण को पता चला तब श्री कृष्ण ने रुक्मणी का अपहरण करके अपने साथ द्वारका लाये थे |और  उनके पीछे पीछे शिशुपाल भी उनकी सेना के साथ द्वारका पहुंचे थे क्योकि शिशुपाल का विवाह रुक्मणी के साथ होने वाला था | श्री कृष्ण और बलराम दोनों भाइयों का शिशुपाल के साथ एक भयंकर युद्ध हुवा था | और उस युद्ध में शिशुपाल की पराजय हुई थी| उसके बाद श्री कृष्ण और रुक्मणी का विधि-विधान पूर्वक विवाह हुवा था |

श्रीकृष्ण महाभारत कथा

श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन के मित्र एवं सारथी भी थे | श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को श्रीमद भगवद गीता का ज्ञान दिया था| जिसके कारण अधर्म को पराजित करके धर्म पर विजय प्राप्त हुए थी| जिसमें पांडवों ने कौरवों के वंश का विनाश किया था | जिसके कारण गांधारी ने क्रोधित होकर श्री कृष्ण को श्राप दिया था|गांधारी ने श्राप देते हुए कहा था कि “जिस तरह कौरवों के वंश का विनाश आपस में युद्ध करके हुवा है उसी प्रकार आपके कुल का भी विनाश होगा “| 

यदुवंश का विनाश

महाभारत के 35 साल के बाद श्री कृष्ण के पुत्र शक्तिशाली योद्धा बन गए थे| कहा जाता है की यदुवंशी लोग विजय के उन्माद में दुर्वाशा ऋषि का अपमान कर बैठे जिसके कारण दुर्वासा ऋषि ने यदुवंश के विनाश का श्राप दिया था| जिसके चलते सभी यदुवंशी विनाश हो गया था | यह देखकर श्री कृष्ण व्यथित हो गये थे| जिसके चलते वे वन में रहने चले गए थे |

एक बार वन में श्री कृष्ण एक पीपल के पेड़ के नीचे योग निद्रा में विश्राम कर रहे थे |तभी एक शिकारी ने श्री कृष्ण के पैर को हिरण समझ कर उस पर विषयुक्त बाण से प्रहार कर दिया था। शिकारी के द्वारा चलाया गया बाण श्रीकृष्ण के पैर के तलवे को भेद दिया था |विषयुक्त बाण के इसी भेदन को बहाना बनाकर श्रीकृष्ण ने अपने देह रूप को त्याग दिया और नारायण रूप में अपने धाम वैकुण्ठ लौट गये | देह रूप को त्यागने के साथ ही श्रीकृष्ण के द्वारा बसाई हुई द्वारका नगरी भी समुद्र में समा गई थी।

भगवान विष्णु के दशावतार की कहानी यहाँ पर मिलेगी

FAQ For Shree Krishna

श्री कृष्ण को किसने श्राप दिया था?

महारानी गांधारी ने श्रीकृष्ण श्राप दिया था कि “जिस प्रकार कौरवों के वंश का नाश हुआ है ठीक उसी प्रकार यदुवंश का भी नाश होगा”

श्री कृष्ण में कितने गुण थे?

श्रीकृष्ण 64 गुणों से संपन्न हे उनका रूप और सौंन्दर्य अद्भुत है जो सारी सृष्टि में अद्वितीय है

श्रीकृष्ण के पिता जी का नाम क्या है?

भगवान श्रीकृष्णजी के पिता वसुदेवजी हैं ।इसलिए भगवान श्रीकृष्णजी को “वासुदेव” कहते हैं ।

जन्माष्टमी 2023 में कब है

7 सितंबर 2023 

श्री कृष्ण का गुरु कौन था?

कृष्ण भगवान के गुरु सांदीपनि मुनि माने जाते हैं।

कृष्ण की बहन का क्या नाम था ?

सुभद्रा जिसका विवाह अर्जुन से हुआ था ।

भगवान श्री कृष्ण को रणछोड़ क्यों कहते हैं?

कालयवन से युद्ध के समय भगवान रण छोड़कर भाग गए थे इसलिए उनका नाम रणछोड़ पड़ा था

भगवान श्री कृष्ण को द्वारिकाधीश क्यों कहा जाता है?

भगवान कृष्ण ने द्वारिका नगरी का निर्माण करवाया और द्वारिका में आकर बसे थे इसीलिए उन्हें द्वारिकाधीश कहा जाता है

निष्कर्ष

दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि “श्रीकृष्ण अवतार” का यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके | आपका एक शेयर हमें आपके लिए नए आर्टिकल लाने के लिए प्रेरित करता है |

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