रामनवमी पर साई बाबा ने पानी से दीप जला कर त्यौहार मनाया
रामनवमी पर साईबाबा पूरी द्वारिकामाई को दिये जलाकर रोशन करना चाहते थे और दिये जलाने के लिए तेल लेने जाते हे किन्तु द्वारिकानाथ और वैद्य जी के कहने पर कोई भी दूकानदार उन्हें तेल देने से इंकार कर देते हे फिर भी बाबा दूकानदार के लिए कहते हे की मालिक अज्ञान का अंधकार बढ़ता जा रहा हे इन्हे रौशनी दे इनके दिलो में भी ज्ञान के दीप जला मालिक |
साई बाबा तेरे हज़ारो हाथ
साई बाबा की कुटिया में सारे लोग इकठ्ठे थे वहा तेल न मिलने पर बाईजा बाई दूकानदार पर क्रोधित हो जाती हे सब लोग चिंतित थे की अब क्या करे तभी साई बाबा कहते हे अगर श्रद्धा हे तो दिये जलेंगे
अगर आस्था और भक्ति जाग्रत करनी हे और लोगो को विश्वास के लिए चमत्कार ही चाहिए तो चमत्कार होंगे और दीप जलेंगे एक मटके में पानी देखकर बाबा कहते हे श्रीराम की इच्छा हे तो दीप जलेंगे और साईबाबा लक्ष्मी और तात्या को दिये में पानी दलने को कहते हे उधर वैध जी और द्वारिकानाथ ये सब देखकर हस रहे होते हे
किन्तु बाबा के विश्वास से चमत्कार हो जाता हे और पानी से दीपक जल जाते हे दोस्तों अगर श्रद्धा और सबुरी हो तो कुछ भी संभव हे ऐसे ही साईबाबा ने पानी से दीप जला कर रामनवमी मनाई
—- जय श्री राम —-