विराट स्वरूप त्रिभुवन राया गीत रवींद्र जैन और सतीश डेहरा द्वारा प्रस्तुत किया गया हे | श्रीकृष्णा रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है |
श्री कृष्ण जी ने जब अर्जुन को गीता का उपदेश देना शुरू किया तो सभी देवी और देवता उनके द्वारा दिए गए उपदेश को सुनने के लिए वहाँ आ जाते हैं और श्री कृष्ण का गीता का उपदेश सुनते हैं और उनके विराट रूप के दर्शन पाकर उनकी आराधना करते हैं।
Virat Svarup Tribhuavan Raya Song Detail:
गीत / Song | विराट स्वरूप त्रिभुवन राया |
निर्देशक / Director | रामानंद सागर / आनंद सागर / मोती सागर (Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar) |
स्वर / Lyrics | सतीश डेहरा, चंद्रानी मुखर्जी और साथी |
संगीत / Music | रवींद्र जैन (Ravindra Jain) |
नेटवर्क / Network | दूरदर्शन नेशनल (DD National) |
शैली / Genre | श्रीकृष्ण भजन (Krishna Bhajan) |
सहायक निर्देशक / Asst. Directors | राजेंद्र शुक्ला / श्रीधर जेट्टी / ज्योति सागर (Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar) |
पटकथा और संवाद / Screenplay & Dialogues | रामानंद सागर (Ramanand Sagar) |
कैमरा / Camera | अविनाश सतोसकर (Avinash Satoskar) |
गीतकार / Lyrics | रवींद्र जैन (Ravindra Jain) |
पार्श्व गायक: (Playback Singers) | सुरेश वाडकर / हेमलता / रवींद्र जैन / अरविंदर सिंह / सुशील (Suresh Wadkar / Hemlata / Ravindra Jain / Arvinder Singh / Sushil) |
संपादक / Editor | गिरीश दादा / मोरेश्वर / आर मिश्रा / सहदेव (Girish Daada / Moreshwar / R. Mishra / Sahdev) |
निर्माता / Producers | रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर (Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar) |
Cast / पात्र | सर्वदमन डी. बनर्जी/ स्वप्निल जोशी / दीपक डेओलकर / संजीव शर्मा / पिंकी पारिख / रेशमा मोदी / श्वेता रस्तोगी (Sarvadaman D. Banerjee / Swapnil Joshi / Deepak Deulkar / Sanjeev Sharma / Pinky Parikh / Reshma Modi) |
Virat Svarup Tribhuavan Raya Lyrics in Hindi – Krishna Bhajan
प्रगते हो विराट स्वरूप धरे, श्री कृष्ण हरे गोविंद हरे (2)
श्री कृष्ण हरे गोविंद हरे, श्री कृष्ण हरे गोविंद हरे..
श्री कृष्ण हरे गोविंद हरे, श्री कृष्ण हरे गोविंद हरे..(2)
केशव नमः (2), माधव नमः (2)
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे, सुगुण वर्णना तित तुम्हारे
विराट-स्वरूप त्रिभुवन राया , तुम्हारी जय जय त्रिभुवन राया
धन्य हे यह विराट-तम रूप(2)
जिस में ब्रह्माण्ड विराट समया, तुम्हारी जय जय त्रिभुवन राया
विराट स्वरूप त्रिभुवन राया…
ये श्री चरण में साधुगण संग्या जिन्हे भव तार की
टीनो भवन मांगी शरण, श्री युक्त विश्वाधार की
अगनीत भुजाये व्यस्त हे रचना में नव संसार की
संसार का पालन करे लीला रची संहार की
ये दिव्य युद्ध युक्त भुजाए दंड-उदंड इन्ही से पाए
जगत प्रतिपाल बने महाकाल(2)
धर्म पर जब जब संकट आया
विराट स्वरूप त्रिभुवन राया
तुम्हारे जय जय त्रिभुवन राया
जया बृहदाकार शुगंधरनम, सरबर सजित दिव्या भरणम
नहीं आदि मध्य अभयान प्रभु
अपने उपमा तुम आप भीवो
सर्वत्र श्री सब कोरा मुखम्
सर्वेश्वर सर्वस्चर्य मयम
दिया जिस दिन दृष्टि का दान (2)
दिव्य दर्शन भी ही उसीने पाया:
विराट स्वरूप त्रिभुबा राया
तुम्हारे जय जय त्रिभुवन राया
नेत्र अनेक अनेक मुख, उदर अनेक विशाल
अग्नि मुखो में प्रज्योति दाधे हे विकाराल
एक एक कर दुष्ट दूरचारी विशन मुखमही प्रवेश करे
मुख में जलतीं ज्वालाये इंधन सम उन्को शेष करे
दुर्जन-परिजान आत्मीय स्वजन सब प्राण गवाते दीखते हे
हे महाकाल हे महा प्रलय सब तुमे समये दीखते हे (2)
आदित्य बरः रुद्र ग्यारह अस्त वशु के संत तुम
गंधर्वती पति यखनगपति सब का रखते ध्यान तुम
कर्म अनुसार सुगती कुगती करते हो नात प्रदान तुम
कल्याण का वरदान तुम, निर्वाण तुम भगवान तुम
देख विराट स्वरूप तुम्हारा
त्रिजग भायाकुल हे भया हार:
बिचलित मेरु दिशाएं कम्पित
त्राहि त्राहि स्वर सृष्टि में गुंजित
चराचर माही कोई शतीर नहीं (2)
धैर्य पंथो ने भी ध्यान गवाया
विराट स्वरूप त्रिभुवन राया
तुम्हारे जय जय त्रिभुवन राया
शिवजी की समाधि में स्वामी, बिंदु बने मुस्काते हो;
ब्रह्मा के मानस में बसकर नूतन सृष्टि कराटे हो;
जीवो के उद्गम बन कर, जीवन की धार बहाते हो;
फिर उनको निज में सहज कर, तुमी/उन्हे विराम लगाते हो;
देते हो विस्तार तो फिर सिमाओ में नहीं आते हो;
सिम्टो तो निज भक्तजानो के अंतर में बस जाते हो;
लक्ष्मी कांत नमो नमः दीर्घ कान्तं नमो नमः;
राधा नगर नमो नमः, प्रेम के सागर नमो नमः;
दशावतारि नमो नमः, जगतकारी नमो नमः;
हे पुरुषोत्तम नमो नमः, हे चिदानन्दन/सच्चिदानंदन नमो नमः
कर्ता-कर्म-कर्मफल दाता, सब समरथ संपूर्ण विधाता;
मैं समर्थवान नहीं ऐसा, जो वर्र्णु तुमको तुम जैसा;
कृष्णा हरे गोविंदा हरे,
अगम्या अपार, सार के सार
अगम्या अपार, सार के सार, आप ही जानो आपकी माया;
विराट स्वरूप त्रिभुवन राया, तुम्हारी जय जय त्रिभुवन राया
प्रभु हम मृत्युलोक के प्राणी, निर्बल याचक और अज्ञानी;
कृष्णा हरे गोविंदा हरे, मोहन माधव कृष्ण हरे;
हो ओ ओ ओ ओ…
मन में प्रेम के दीप जला दो, द्वेश मिटा दो, बैर मिटा दो;
कृष्णा हरे गोविंदा हरे, मोहन माधव कृष्ण हरे;
हो ओ ओ ओ ओ…
श्री चरणो में स्थान हमे दो, भक्ति का वरदान हमे दो;
कृष्णा हरे गोविंदा हरे, मोहन माधव कृष्ण हरे;
हो ओ ओ ओ ओ…
बनी रहे तुम्हारी ठकुराई, चाकर राखो दो सेवकाई;
कृष्णा हरे गोविंदा हरे, मोहन माधव कृष्ण हरे;
हो ओ ओ ओ ओ…
सेवा का फल बस यही मांगे, जनम जन्म तुम पद अनुरागे
कृष्णा हरे गोविंदा हरे, मोहन माधव कृष्ण हरे;
कृष्णा हरे गोविंदा हरे, मोहन माधव कृष्ण हरे;
कृष्णा हरे गोविंदा हरे, मोहन माधव कृष्ण हरे;
कृष्णा हरे गोविंदा हरे, मोहन माधव कृष्ण हरे;
कृष्णा हरे गोविंदा हरे, मोहन माधव कृष्ण हरे;
हरे कृष्णा हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे (6)…
जय श्री कृष्णा…
श्रीकृष्ण भजन की सारी लिरिक्स आपको यहाँ मिलेगी
विराट स्वरूप त्रिभुवन राया Lyrics in English – Krishna Bhajan
pragate ho virat swaroop dhare, shri krishna hare govind hare(2)
shri krishna hare govind hare,shri krishna hare govind hare..
shri krishna hare govind hare,shri krishna hare govind hare..(2)
keshav namah(2),madhav namah(2)
shri krishn govind hare murare,sugun barnana-tit tumhare
virat-swaroop tribhuban raya,tumhari jay jay tribhuban raya
dhanya he yah virat-tama roop(2)
jis me brahmanda virat samaya,tumhari jay jay tribhuban raya
virat swaroop tribhuban raya…
ye shri charan ye sadhugan sangya jinhe bhav taar ki
tino bhavan maange sharan,shri yukt viswadhar ki
aganit bhujaye vyast he rachna me nav sansaar ki
sansaar ka paalan kare leela rache sanhaar ki
ye dibyayudh yukt bhujae .dand-udanda inhise paya
jagat pratipal bane mahakaal(2)
dharm par jab jab sankat aaya
virat swaroop tribhuba raya
tumhare jay jay tribhuban raya
jaya brihdaaakaar shugandharanam,sarbarsajit dibya bharanam
nahi aadi madhya abashaan prabho
apne upama tum aap bhivo
sarbatra shrist sab kora mukham
sarveswar sarvashcharya mayam
diya jise dibya dhristi ka daan(2)
dibya darshan hi usi ne paaya
virat swaroop tribhuba raya
tumhare jay jay tribhuban raya
netra anek anek mukh,udara aneka vishaal
agni mukho me prajyolit dadhe he vikraal
ek ek kar dust duraachaari vishan mukhmahi pravesh kare
mukh me jaltinhe jwalaye indhan sama unko sesha kare
durjan-parijaan atmiya swajan sab prana gabate dhikte he
he mahakal he maha pralaya sab tumhe samaye dhikte he(2)
aditya barah rudra gyarah asta vashu ke shtan tum
gandharvti pati yakhnagpati sab ka rakhte dhan tum
karma anusaar sugati kugati karte ho naat pradan tum
kalyaan ka vardaan tum,nirvaan tum bhagwaan tum
dekhi virat swaroop tumhaara
trijag bhayakul he bhaya haara
bichalit meru dishayein kampit
trahi trahi swar shrishti me gunjit
charachar maahi koi shtir nahi(2)
dharyapantho ne bhi dharya gavaya
virat swaroop tribhuba raya
tumhare jay jay tribhuban raya
Shivji ki samaadhi me Swami, bindu bane musakaate ho;
Brahmaa ke maanas me baskar nutan srishti karaate ho;
Jeevon ke udgam ban kar, jeevan ki dhaar bahaate ho;
Phir unko nij me sahej kar, tumhi/unhe viraam lagaate ho;
Lete ho vistaar to phir seemaao me nahi aate ho;
Simto to nij bhaktjano ke antar me bas jaate ho;
Lakshmi kaantam namo namah, — namo namah;
Radha naagar namo namah, prem ke saagar namo namah;
Dashaavataari namo namah, Jagupakaari namo namah;
He Purushottam namo namah, He Chidaanandan/Sachchidaanandan namo namah;
Karta-Karm-Karamphal daataa, sab samarath sampoorna vidhaataa;
Mai saamarthyavaan nahi aisa, jo varanu tumko tum jaisa;
Krishna Hare Govinda Hare,
Agamya apaar, saar ke saar
Agamya apaar, saar ke saar, aap hi jaano aapki maayaa;
Viraat swaroop tribhuvan raayaa, tumhaari jay jay tribhuvan raayaa
Prabhu ham mrityulok ke praani, nirbal yaachak aur agyaani;
Krishna Hare Govinda Hare, Mohan Maadhav Krishna Hare;
Ho o o o o…
Mann me prem ke deep jalaa do, dwesh mitaa do, bair mitaa do;
Krishna Hare Govinda Hare, Mohan Maadhav Krishna Hare;
Ho o o o o…
Shri charno me sthaan hame do, bhakti ka vardaan hame do;
Krishna Hare Govinda Hare, Mohan Maadhav Krishna Hare;
Ho o o o o…
Bani rahe tumhri thakuraai, chaakar raakho do sevkaai;
Krishna Hare Govinda Hare, Mohan Maadhav Krishna Hare;
Ho o o o o…
Seva ka phal bas yahi maange, janam janam tum pad anuraage;
Krishna Hare Govinda Hare, Mohan Maadhav Krishna Hare;
Krishna Hare Govinda Hare, Mohan Maadhav Krishna Hare;
Krishna Hare Govinda Hare, Mohan Maadhav Krishna Hare;
Krishna Hare Govinda Hare, Mohan Maadhav Krishna Hare;
Krishna Hare Govinda Hare, Mohan Maadhav Krishna Hare;
Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare (6)…
Jay Shree Krishna..
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी – Shree Krishna Govind Hare Murari Lyrics
श्री कृष्ण भजन – चर्ण पखारे बिना जाने
श्री कृष्ण भजन | विराट स्वरूप त्रिभुवन राया | Virat Svarup Tribhuavan Raya
YouTube Video: Krishna Bhajan Virat Svarup Tribhuvan
निष्कर्ष :
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धन्यवाद!🙏 जय श्री कृष्ण 🙏