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What Is Bearing in Hindi – बेयरिंग क्या हे ? Types Of Bearing in hindi

दोस्तों इस पोस्ट में हम ये जानेंगे की बेयरिंग होता क्या हे ? What Is Bearing in Hindi बेयरिंग का उपयोग क्या हे ? और ये कितने प्रकार की होती हे । बेयरिंग कैसे काम करती हे उसके पार्ट्स क्या हे

What Is Bearing – बेयरिंग क्या होता है ? और कहाँ use होता है ?

Bearing एक machine device है जो power को transmit करने के साथ साथ दो Rotating parts के बीच के घर्षण (Friction) को भी कम करता है।
लम्बी shaft या machine के घूमते हुए पुर्जो को सही स्थिति में रखने व सहारा देने वाले उपकरणों को bearing कहते है. मशीन का जो भाग घुमते हुए पुर्जो को आधार प्रदान करता है, तथा मशीनों को घुमाने में सहायक होता है उसे bearing कहते है.

कोई भी चीज़ circular motion में shaft के सहारे घुमती है, shaft एक circular rod होता है जिसके सहारे circular motion को एक स्थान से दुसरे स्थान तक ले जाया जाता है, जैसे हमारे घर का पंखा shaft के सहारे घूमता है, जैसे ही हम पंखा का बटन on करते है इलेक्ट्रिकल सप्लाई मोटर के winding में जाती है और मोटर घुमने लगता है, मोटर के साथ blade लगा होता है जिससे हमको हवा लगने लगती है

Bea शब्द ” to bear” verb से लिया गया है। जिसका मतलब होता है support करना I Bearing और shaft के बीच में friction कम करने के लिए oil या grease का इस्तेमाल करते हैं

बियरिंग के भाग (Parts of Bearing)

  • आउटर रिंग (Outer Ring) बियरिंग की बाहरी रिंग
  • इनर रिंग (Inner Ring) बियरिंग की अंदरूनी रिंग
  • रोलर एलिमेंट (Rolling Element) दोनों रिंग के बीच में बियरिंग को स्मूथली चलाने के लिए गोली (Boll), रोलर (Roller) या नीडल (Needle) फिट होते हैं।
  • केज (Cage) दोनों रिंग के बीच में गोली (Boll), नीडल (Niddle) और रोलर Roller) को पकड़कर रखने वाली जाली।

Types of Bearing in Hindi

Plain Bearing:-

प्लेन बेयरिंग को सबसे सरल बेयरिंग में से एक माना जाता है। इस बेयरिंग को स्लाइडिंग बेयरिंग या स्लाइड बेयरिंग भी कहा जाता है। इस बेयरिंग की सबसे खास बात यह है कि इसमें कोई रोलिंग एलिमेंट नहीं है।

प्लेन बेयरिंग भी तीन प्रकार की होती है।

Integral Bearing
Bushing Bearing
Two piece Bearing

Rolling Element Bearing

इस तरह के बेयरिंग के अंदर रेस यानी रोलिंग एलिमेंट्स का इस्तेमाल बेयरिंग रिंग्स के बीच किया जाता है। ताकि लोड को अच्छे से अंजाम दिया जा सके।

रोलिंग एलिमेंट भी किसी न किसी तरह के होते हैं। जैसे बेलनाकार रोलर्स, पतला रोलर्स, सुई रोलर्स, गोलाकार रोलर्स और बॉल्स जो असर के अंदर घूर्णन के लिए उपयोग किए जाते हैं।

Rolling elements bearing भी 2 प्रकार के होते है।

Ball bearing
Roller bearing

Classification Of Bearing

Radial

Anguilar Contact

Axial

1 Radial Bearing रेडियल जर्नल –

इस बेरिंग में सहारा देने व दबाव axis के perpendicular होता है यानी की axis के लम्बत होता है. Bearing में जो hole होता है. उसे jurnal bearing कहते है. Journal bearing का प्रयोग घुमती हुई shaft को सहारा देने के लिए किया जाता है.

2. Angular Contact Bearing

Footstep bearing- इस type की bearing generally vertical pump या मशीन में लगी होती है I इसमें force shaft के parallel लगता है I मतलब axial load लगता है 

3 Axial Bearing

जब load एक ही दिशा यानी की axis के parallel पड़ता है तो वहां पर thrust or coller bearing का प्रयोग किया जाता है.

Bearing Load direction

 Bearing के types में और detail में जाने से पहले, मै bearing पे लगने वाले load के बारे में बताना चाहूँगा I इससे bearing के types को समझना और आसान हो जाएगा I Bearing पे mainly दो types के load लगते हैं – 

1. Radial load- radial direction में (radial load: perpendicular to the axis)

2. Axial load – axial direction में (axial load: parallel to the axis of rotation)

अब ऊपर में बताये गये load के बारे में मै थोडा explain करता हूँ I जैसे हमने साइकिल चलाया होगा उसके दोनों चक्के के axle (shaft) में bearing लगी होती है I साइकिल पे जब हम बैठते हैं तो हमारा भार उस bearing के ऊपर एक radial load है, क्यूंकि हमारा भार सीट पर जाता है, फिर सीट के बाद connecting member के through चक्के के axle पे जाता है, उसके बाद उसमे लगी bearing पे

Axial load shaft के axis के through लगता है, जैसे हमारे घर में mixer grinder जब घूमता है तो आपने देखा होगा कि उसमे अन्दर का मसाला या जूस ऊपर की ओर आने कि कोशिश करता है लेकिन हमने ऊपर से ढक्कन लगाया होता है जिसके कारण वह बाहर नही आ पाता| यही है axial load जो अन्दर लगे bearing पे लगता है, अगर अन्दर लगी bearing इस load को सहन नही कर पाएगी तो rotating blade टूट के ऊपर फेंका जाएगा 

Types of ball bearing in Hindi

Single row ball bearing

जैसा कि इसके नाम से ही पता चल जाता है कि एक single row के अंदर balls को arranged किया जाता है।

Double row ball bearing

इस bearing में कुल दो row होती है जहां दोनों row में ballsके arrangement किए जाते है।

Angular contact ball bearing

इस प्रकार के bearing के balls कि arrangement कुछ angle पे की जाती है । ये इसलिए किया जाता है ताकि bearing Axial load ओर Thrust load दोनो को सहन कर सके।

Thrust ball bearing

Axis के parallel लगने वाले load को bear करने के लिए इस प्रकार की bearing का इस्तेमाल किया जाता है।

Self aligning ball bearing

Journal load को सहन करने के लिए इस प्रकार की बेयरिंग का उपयोग करते है।

Bearing के types को detail में मै ज्यादा इसलिए नही बता पाया क्यूंकि ये डिजाईन पर depend करता है की कौन सी bearing और कितनी बड़ी bearing कहाँ use की जाए I जहाँ केवल radial load ज्यादा है वहां cylindrical roller bearing का use करना अच्छा है, जहाँ axial और radial दोनों load को सहना है वहां ball bearing या taper cylindrical roller bearing use किया जा सकता है I इसलिए bearing का use mainly उस जगह पे लगने वाले axial load और radial load पे depend करता है, और सीधा सा funda ये है कि जितनी बड़ी मशीन का shaft उतनी बड़ी bearing use होगी 

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Types Of Friction Bearing

  1. Solid Bearing Or Journal Bearing
  2. Bush Bearing
  3. Pedestal Bearing Or Plummer Bearing
  4. Open Bearing
  5. Swivel Bearing
  6. Foot Step Bearing
  7. marine Engine Shaft Bearing

बियरिंग की विशेषताएं :-

1 बियरिंग तथा पार्ट्स के साथ घर्षण (Fiction) कम से कम होना चाहिए।
2 बियरिंग पार्ट्स को सही स्थिति में गाइड करने में सक्षम होना चाहिए‌।
3 बियरिंग वाइब्रेशन (Vibration) रहित तथा स्थिर आधार देने में सक्षम होना चाहिए।
4 बियरिंग मशीन द्वारा पढ़ने वाले भार (Loud) को सहने में सक्षम होना चाहिए।
5 मशीन में लगे पार्ट्स व मशीन की गति के अनुरूप बियरिंग का चुनाव करना चाहिए।
6 बियरिंग मशीन के पार्ट्स को अधिक गति पर तथा इसे स्मूथ (Smooth) रूप से घुमाने वाले होने चाहिए।
7 बियरिंग झटके व कंपन को सहन करने योग्य तथा कम पावर यूज करने वाले होने चाहिए।

How do ball and roller bearings work? Types of Bearing and bearing Parts in hindi

YouTube Video: What Is Bearing

FAQ For Bearing in Hindi :

बेयरिंग क्या होता है ?

Bearing शब्द अंग्रेजी के bear से निकला है जिसका मतलब होता है support करना | Bearing एक machine device है जो power को transmit करने के साथ साथ दो Rotating parts के बीच के घर्षण (Friction) को भी कम करता है।

बियरिंग के प्रकार?

सामान्यतः बेयरिंग 6 प्रकार के होते हे
1. प्लेन बियरिंग (Plain bearing)
2. रोलिंग एलिमेंट बियरिंग (Rolling element bearing)
3. मैगनेटिक बियरिंग (Magnetic bearing)
4. फ्लयूड बियरिंग (Fluid bearing)
5. गहना बियरिंग (Jewel bearing)
6. फ्लेक्सोर बियरिंग (Flexure bearing)

बियरिंग के भाग ?

1. आउटर रिंग (Outer Ring) बियरिंग की बाहरी रिंग
2. इनर रिंग (Inner Ring) बियरिंग की अंदरूनी रिंग
3. रोलर एलिमेंट (Rolling Element) दोनों रिंग के बीच में बियरिंग को स्मूथली चलाने के लिए गोली (Boll), रोलर (Roller) या नीडल (Needle) फिट होते हैं।
4. केज (Cage) दोनों रिंग के बीच में गोली (Boll), नीडल (Niddle) और रोलर Roller) को पकड़कर रखने वाली जाली।

बेयरिंग का क्या कार्य है?

Bearing- ऐसे हिस्से हैं जो वस्तुओं के घूमने में सहायता करते हैं । वे शाफ्ट का समर्थन करते हैं जो मशीनरी के अंदर घूमता है।

निष्कर्ष :

हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख को पढने के बाद आप समझ गए होंगे कि बेयरिंग क्या हे दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि “What Is Bearing in Hindi” का यह आर्टिकल आपको कैसा लगा अगर आपको यह पसंद आए तो like और  दोस्तों के साथ share जरुर करें। आपका एक शेयर हमें आपके लिए नए आर्टिकल लाने के लिए प्रेरित करता है | इस post को पढ़ने के लिए और आपका कीमती समय देने के लिए दिल से आप सभी का धन्यवाद!