दोस्तों क्या आप महादेव का 14 अवतार भिक्षुवर्य अवतार के बारेमे जानना चाहते हे ? क्या आप भगवन शिव के अवतार के बारेमे जानना चाहते हे? तो आप सही आर्टिकल पढ़ रहे हो । आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।
1 | Veerabhadra Avatar of Lord Shiva | वीरभद्र: महादेव का प्रथम अवतार |
2 | Piplaad Avatar of Lord Shiva | पिप्पलाद: महादेव का द्वितीय अवतार |
3 | Nandi Avatar of Lord Shiva | नंदी: महादेव का तृतीय अवतार |
4 | Bhairava Avatar of Lord Shiva | भैरव: महादेव का चौथा अवतार |
5 | Ashwatthama Avatar of Lord Shiva | अश्वत्थामा: महादेव का पाँचवाँ अवतार |
6 | Sharabha Avatar of Lord Shiva | शरभावतार: महादेव का छठा अवतार |
7 | Grihapati avatar of Lord Shiva | गृहपति: महादेव का सातवाँ अवतार |
8 | Durvasa avatar of Lord Shiva | ऋषि दुर्वासा: महादेव का आठवाँ अवतार |
9 | Hanuman Avatar of Lord Shiva | हनुमान: महादेव का नोवाँ अवतार |
10 | Rishabha Avatar of Lord Shiva | वृषभ: महादेव का दसवाँ अवतार |
11 | Yatinath Avatar of Lord Shiva | यतिनाथ: महादेव का ग्यारहवाँ अवतार |
12 | Krishna Darshan Avatar of Lord Shiva | कृष्णदर्शन: महादेव का बारहवाँ अवतार |
13 | Avadhut Avatar of Lord Shiva | अवधूत: महादेव का तेरहवाँ अवतार |
14 | Bhikshuvarya Avatar of Lord Shiva | भिक्षुवर्य: महादेव का चौदहवाँ अवतार |
15 | Sureshwar Avatar of Lord Shiva | सुरेश्वर: महादेव का पंद्रहवाँ अवतार |
16 | Keerat Avatar of Lord Shiva | किरात: महादेव का सोलहवाँ अवतार |
17 | Brahmachari avatar of Lord Shiva | ब्रह्मचारी: महादेव का सत्रहवाँ अवतार |
18 | Sunatnartak avatar of Lord Shiva | सुनटनर्तक: महादेव का अठारहवाँ अवतार |
19 | Yaksheshwar Avatar of Lord Shiva | यक्ष: महादेव का उन्नीसवाँ अवतार |
महादेव का चौदवा भिक्षुवर्य अवतार – bhikshuvarya Avatar of lord shiva
भगवान शिव को भोलेनाथ कहने का मुख्य कारण यह भी हेकी व् आपने भक्तो की बात बड़ी जल्दी से सुन लेते हे और उनकी सहायता करते हे | सामान्य रूप से जब सृस्टि का सर्जन हुआ तब महादेव को संहार का कार्य सोपा गया |अतः किसी भी जिव का जन्म और मृत्यु भगवान् महादेव के हाथो में हे | संसार के सारे प्राणियों की रक्षा करने वाले भगवान शिव का भिक्षुवर्य अवतार यही संदेश देता है की महादेव ही संसार में जन्म लेने वाले हर प्राणी के जीवन के रक्षक हैं।
भिक्षुवर्य अवतार कथा :
यह कथा विदर्भ नरेश सत्यरथ,उनकी पत्नी और उनके पुत्र के बारे में हे | महाभारत के बाद सभी देवता अपने-अपने धाम चले गए। पृथ्वी लोक पर कलयुग का प्रारंभ हो चूका था | कलयुग के प्रारंभ होने के बाद देवता बस विग्रह रूप में ही रह गए ।अब कलयुग होने की वजह से धर्म और अधर्म के बिच ज्यादा भेद नही था | अब सारे लोग धन संपती की लालच में एक दूसरे के राज्य पर हमले कर रहे थे और उनकी संपत्ति छीन रहे थे |
विदर्भ के राजा सत्यरथ के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ | शत्रु राज्य ने उनके राज्य पर हमला करदिया और राजा सत्यरथ को मार डाला| उसकी गर्भवती पत्नी ने शत्रुओं से छिपकर अपने प्राण बचाए| क्युकी उनके गर्भ में एक बालक था |अगर उनके प्राण चले जातेतो वह बालक की भी मृत्यु हो जाती | राजा सत्यरथ की पत्नी छिप ने हेतु एक जंगल में चली गए | जंगल में उनके गर्भ से एक सुन्दर पुत्र का जन्म हुआ | जंगलके पास एक सरोवर था | रानी को प्यास जगी थी वे आपने पुत्र को हाथ में लेकर सरोवर कीओर जाने लगी | सरोवर के एक किनारे पुत्र को रखा और वे जल पीने के लिए सरोवरमें गए | लेकिन सरोवर में जाते ही घडियाल ने रानी को अपना आहार बना लिया| कुछ समय बीतने पर वो बालक भूख-प्यास से तड़पने लगा।
भगवान् शिव भिक्षु के रूप में
भगवान शिव अपनी दिव्य दृष्टि से यह सब देख रहे थे |भगवान शिव से उस बालक की पीड़ा देखी नहीं गई और उन्होंने उस बालक की सहायता करने का निर्णय किया |महादेव की प्रेरणा से एक भिखारिन वहां पहुंची।तब भगवान शिव ने भिक्षुक का रूप धारण किया और उस भिखारिन को बालक का परिचय दिया और यह भी कहा कि यह बालक विदर्भ नरेश सत्यरथ का पुत्र है और उसके पालन-पोषण का निर्देश दिया | भिखारिन ने बालक का पालन-पोषण करने का वचन दिया|
भिखारिन को कार्य निर्वहन करता देख भगवान् शिव भिक्षुक के रूप मेसे आपने असली रूप में आये और उस भिखारिनको आपने वास्तविक रूप के दर्शन दिए | भिखारि ने शिवजी के आदेश अनुशार उस बालक का पालन पोषण किया। बड़ा होकर वह बालक भगवान शिव की कृपा से अपने दुश्मनों को हरा कर पुनः अपना राज्य प्राप्त किया।
महादेव का 15 अवतार सुरेश्वर – Lord shiva Sureshwara Avatar
महादेव का 16 अवतार : किरात | Lord Shiva kirat avatar
निष्कर्ष
दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि भगवान् शिव के “महादेव का 14 अवतार भिक्षुवर्य” का यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके | आपका एक शेयर हमें आपके लिए नए आर्टिकल लाने के लिए प्रेरित करता है | भगवान् शिव से जुडी कथाओ के बारेमे जानने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे धन्यवाद ! 🙏 हर हर महादेव 🙏
सब सही है यही बालक आगे चलके धर्मगुप्त राजा हुवा ऊस समय यह दोनो बच्चे को लेके एकचक्री नगर (आज का चाकण महाराष्ट्र) मे रहते थे जहा पर शांडिल्य ऋषी का आश्रम था ऋषी शांडिल्य ने उन्हे प्रदोष व्रत करने का आदेश दिया इसका पुरा वर्णन शिव का प्यारा ग्रंथ शिवीलामृत मे पाचवा आध्याय मे है का 14 अवतार भिक्षुवर्य” ने तुम