दोस्तों क्या आप “महादेव का द्रितीय पिप्पलाद अवतार” के बारेमे जानना चाहते हे ? क्या आप भगवन शिव के अवतार के बारेमे जानना चाहते हे? तो आप सही आर्टिकल पढ़ रहे हो । आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।
भगवान शिव के एक ऐसे अवतार जिन्होंने शनिदेव पर भी प्रहार कर दिया था
1 | Veerabhadra Avatar of Lord Shiva | महादेव का प्रथम अवतार | वीरभद्र अवतार |
2 | Piplaad Avatar of Lord Shiva | महादेव का द्वितीय अवतार | पिप्पलाद अवतार |
3 | Nandi Avatar of Lord Shiva | महादेव का तृतीय अवतार | नंदी अवतार |
4 | Bhairava Avatar of Lord Shiva | महादेव का चौथा अवतार | भैरव अवतार |
5 | Ashwatthama Avatar of Lord Shiva | महादेव का पाँचवाँ अवतार | अश्वत्थामा अवतार |
6 | Sharabha Avatar of Lord Shiva | महादेव का छठा अवतार | शरभावतार |
7 | Grihapati avatar of Lord Shiva | महादेव का सातवाँ अवतार | गृहपति अवतार |
8 | Durvasa avatar of Lord Shiva | महादेव का आठवाँ अवतार | ऋषि दुर्वासा |
9 | Hanuman Avatar of Lord Shiva | महादेव का नोवाँ अवतार | हनुमान अवतार |
10 | Rishabha Avatar of Lord Shiva | महादेव का दसवाँ अवतार | वृषभ अवतार |
11 | Yatinath Avatar of Lord Shiva | महादेव का ग्यारहवाँ अवतार | यतिनाथ अवतार |
12 | Krishna Darshan Avatar of Lord Shiva | महादेव का बारहवाँ अवतार | कृष्णदर्शन अवतार |
13 | Avadhut Avatar of Lord Shiva | महादेव का तेरहवाँ अवतार | अवधूत अवतार |
14 | Bhikshuvarya Avatar of Lord Shiva | महादेव का चौदहवाँ अवतार | भिक्षुवर्य अवतार |
15 | Sureshwar Avatar of Lord Shiva | महादेव का पंद्रहवाँ अवतार | सुरेश्वर अवतार |
16 | Keerat Avatar of Lord Shiva | महादेव का सोलहवाँ अवतार | किरात अवतार |
17 | Brahmachari avatar of Lord Shiva | महादेव का सत्रहवाँ अवतार | ब्रह्मचारी अवतार |
18 | Sunatnartak avatar of Lord Shiva | महादेव का अठारहवाँ अवतार | सुनटनर्तक अवतार |
19 | Yaksheshwar Avatar of Lord Shiva | महादेव का उन्नीसवाँ अवतार | यक्ष अवतार |
भगवान शिव के १९ अवतार बताये गए हैं | जिनमें महादेव के द्रितीय अवतार का नाम था पिप्पलाद|भगवान शिव के यह अवतार के बारेमे यह मान्यता हे की भगवान् शिव के एस अवतार के प्रभाव शनि देव पर प्रहार किया था जिस कारण शनि देव की गति मंद पद गई | मानव जीवन में भगवान शिव के पिप्पलाद अवतार का बड़ा महत्व है
पिप्पलाद अवतार कथा :
महर्षि दधीचि और उनकी पत्नी सुवर्चा भगवान् शिवजी के भक्त थे| दधीचि शिव भक्त होने के कारण उनकी हड्डियां शिव के तेज से युक्त और शक्तिशाली थी। यह कारण इंद्र देव ने वृत्तासुर का वध करने के लिए महर्षि दधीचि की हड्डियों का उपयोग किया|
दधीचि मुनि के पुत्र थे पिप्पलाद
दधीचि की हड्डियों से इंद्र ने अपना वज्र बनाया और महर्षि दधीचि की मृत्यु हो गए,जब यह बात महर्षि दधीचि की पत्नी सुवर्चा को पता चलि तब वह गर्भवती थी और उन्होंने सती बनने का निर्णय किया परन्तु उसी समय आकाशवाणी हुई की उनके तुम्हारे गर्भ में महर्षि दधीचि के ब्रह्मतेज से भगवान शंकर का अवतार होगा।
महादेव का प्रथम अवतार : वीरभद्र | Lord Shiva avtar
अत: उसकी रक्षा करना आवश्यक है।परन्तु उन्होंने अपना गर्भ बाहर निकाल दिया और पीपल वृक्ष के नीचे रख दिया|वे खुद दधीचि के शव के साथ सती हो|उस गर्भ की रक्षा खुद पीपल वृक्ष ने की।इस कारण इस बालक का नाम ब्रह्माजी ने पिप्पलाद रखा था|
शिव महापुराण के अनुसार स्वयं ब्रह्मा ने ही शिव के इस अवतार का नामकरण किया था। “पिप्पलादेति तन्नाम चक्रे ब्रह्मा प्रसन्नधी:”
अर्थात ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर सुवर्चा के पुत्र का नाम पिप्पलाद रखा।
शनि कथा :
पिप्पलाद के माता और पिता दोनों ही ना हों के कारण उनका बाल्यकाल कष्टोंं के साथ ही गुजर रहाथा|तब पिप्पलादने देवताओ से सवाल पूछा- क्या कारण है कि मेरे पिता मेरे जन्म से पूर्व ही मुझे छोड़कर चले गए?
मेरा जन्म होते ही मेरी माता भी सती हो गई और जन्म लेने के साथ ही मैं अनाथहो गया मेरे ही जीवन में इतने कष्ट क्यों हे?यह सुनकर देवताओं ने बताया की शनिग्रह की दृष्टि के कारण शायद,ऐसा कुयोग बना है|शनि नवजात शिशुओं को भी नहीं छोड़ता है। पिप्पलाद यह सुनकर क्रोधित हो गया और बदला केने का सोचा |
शनिदेव और पिप्पलाद का सामना
एक दिन पिप्पलाद का सामना शनि से हो गया|पिप्पलाद को क्रोधि आया और अपने ब्रह्मदंड से शनिदेव पर प्रहारा किया|जो उनके पैर पर आकर लगा जिससे शनिदेव लंगड़े हो गए और उसे नीचे गिरा दिया |
महादेव का तीसरा अवतार नंदी – avtar of Lord Shiva
तभी सभी देवताओं ने पिप्पलाद मुनि से शनिदेव को क्षमाँ करने की प्रार्थना की|तब पिप्पलाद मुनि ने शनिदेव को क्षमा कर दिया। परन्तु शनिदेव से वचन लीया कि वे सोलह साल से कम आयु के बालको को किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं देंगे।यह कारण हे की पिप्पलाद का स्मरण करने मात्र से शनि की पीड़ा दूर हो जाती है।
FAQs ‘पिप्पलाद अवतार’ पर आधारित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ऋषि पिप्लाद को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। इनका नाम जपने वाले व्यक्ति से शनि देव दूर ही रहना पसंद करते हैं।
महादेव के द्रितीय अवतार का नाम था पिप्पलाद
निष्कर्ष
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